मकर संक्रांति के त्यौहार को संपूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाता है : महंत राजेंद्र पुरी।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
महंत राजेंद्र पुरी ने दी मकर संक्रांति की शुभकामनाएं।
कुरुक्षेत्र, 14 जनवरी : जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने सर्वकल्याण की कामना से सभी देश व प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी। मकर संक्रांति का विशेष महत्व बताते हुए महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों का अंत कर उनके सिरों को मंदार पर्वत में दबाकर युद्ध समाप्ति की घोषणा की थी। इसलिए इस मकर संक्रांति के दिन को बुराइयों और नकारात्मकता को समाप्त करने का दिन भी मानते हैं। उन्होंने कहा कि यह एकमात्र ऐसा त्यौहार है, जिसे संपूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाता है। चाहे इसका नाम व मनाने तरीका कुछ भी हो। इस त्यौहार को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल के रूप में, तो आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में केवल संक्रांति के नाम से मनाया जाता है। जबकि बिहार और उत्तरप्रदेश में इस त्यौहार को खिचड़ी के नाम से जाना जाता है। महंत ने बताया कि हिन्दू धर्म में महीने को दो पक्षों में बांटा गया है, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। ठीक इसी तरह से वर्ष को भी दो अंगों में बांटा गया है, उत्तरायण और दक्षिणायण। यदि दोनों को मिला दिया जाए तो एक वर्ष पूर्ण हो जाता है। मकर संक्रांति के दिन से सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ हो जाती है। इसलिए मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहते हैं।
महंत राजेंद्र पुरी जानकारी देते हुए।