17 माह, 12 दिन की मेहनत से सिरे चढ़ी नेवा परियोजना, ई-विधान सभा की तैयारी पूरी, सीएम करेंगे उद्घाटन

17 माह, 12 दिन की मेहनत से सिरे चढ़ी नेवा परियोजना, ई-विधान सभा की तैयारी पूरी, सीएम करेंगे उद्घाटन।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

लोस अध्यक्ष, केंद्रीय संसदीय मंत्री के वीडियो संदेश से बढ़ेगी समारोह की गरिमा।
विधान सभा अध्यक्ष ने सभी मंत्रियों, विधायकों और अफसरों को भेजा निमंत्रण।

चंडीगढ़, 5 अगस्त हरियाणा विधान सभा को पेपरलैस करने की घड़ियां नजदीक आ गई हैं। सदन में सभी डिवाइसेज इंस्टॉल हो चुके हैं। नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन हरियाणा के डाटा के साथ अपडेट कर दी गई है। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता अपनी टीम के साथ दिन-रात एक कर इस परियोजना के क्रियान्वयन में जुटे हैं। गत वर्ष 25 फरवरी से शुरू हुए यह प्रयास 17 माह 12 दिन में सिरे चढ़ रहे हैं। अब सिर्फ इंतजार है उद्घाटन सत्र का। यह सत्र 8 अगस्त को अभ्यास सत्र से ठीक पहले सुबह 11:00 बजे होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल टैब पर टैप कर ई-विधान सभा का श्रीगणेश करेंगे। इस दौरान लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी के वीडियो संदेश समारोह की गरिमा बढ़ाएंगे। इसके लिए विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सभी मंत्रियों, विधायकों और अफसरों को निमंत्रण भेजा है।
विधान सभा को पेपरलैस करने के लिए विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता पिछले एक साल से अथक प्रयास कर रहे हैं। गत 9 फरवरी को उन्होंने रिबन काटकर नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) के प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया था। इसके साथ ही केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय की टीम ने यहां विधायकों और अधिकारियों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया था। नेशनल इन्फॉरमेशन सेंटर (एनआईसी) और नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (निक्सी) के अधिकारियों ने भी नए सॉफ्टवेयर की बारिकियां सीखी हैं।
बीच में एक समय ऐसा भी आया था जब कोविड प्रोटोकॉल के कारण इस परियोजना के प्रभावित होने की आशंका बन गई थी, लेकिन स्पीकर ने संबंधित अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर विकट परिस्थितियों में रास्ता निकालने की हिदायतें दीं। उन्होंने अधिकारियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा था कि जब हम अच्छे उद्देश्य के लिए पूरे मनोयोग से कार्य करते हैं तो प्रकृति भी हमारा साथ देती है।
ऐसे सिरे चढ़ी 8.53 करोड़ रुपये की परियोजना।
हरियाणा विधान सभा के डिजीटलाइजेशन के लिए 8.53 करोड़ रुपये की परियोजना मंजूर हुई है। हरियाणा विधान सभा ने 25 फरवरी 2021 को त्रिपक्षीय एमओयू साइन किया था। 23 दिसंबर को 2021 को हरियाणा विधान सभा की डीपीआर को अप्रुवल मिली। 25 जनवरी 2022 को इस परियोजना के लिए पहली किस्त प्राप्त हुई थी। 2 फरवरी को नेवा सेवा केंद्र का शुभारंभ किया। 9 और 10 फरवरी को इस नेवा सेवा केंद्र में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। 2 मार्च को इस परियोजना की दूसरी किस्त प्राप्त हुई। हरियाणा विधान सभा को डिजीटलाइजेशन करने की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 21 और 22 जुलाई को पंचकूला में नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन के दो दिवसीय ऑरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के पहले दिन यहां विधायकों तथा दूसरे दिन हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस परियोजना से हरियाणा विधान सभा को सालाना करीब 5.60 करोड़ रुपये की बचत होगी। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह परियोजना मील का पत्थर साबित रहेगी।
कार्य में तेजी आने के साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
डिजीटलाइजेशन के बाद विधान सभा सचिवालय सदन की कार्यवाही जिसमें कार्यसूची, नोटिस, बुलेटिन, विधेयक, तारांकित और अतारांकित प्रश्न तथा उनके जवाब, पटल पर रखे जाने वाले दस्तावेज, विभिन्न कमेटियों की रिपोर्ट इत्यादि सभी कार्य बिना कागज का प्रयोग किए प्रभावी ढ़ग से किए जा सकेंगे। विधायकों के लिए उपयोगी तथ्य तथा नियमावली समेत अनेक प्रकार की जानकारी डिजीटल माध्यम से प्राप्त हो सकेगी। सदन में बोलने वाले विधायकों का पूरा विवरण समय गणना के साथ बड़ी स्क्रीन्स पर प्रदर्शित होगा। इससे कार्य में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
शुरुआत में ही तीसरे चरण में पहुंच जाएगा हरियाणा।
बता दें कि देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की डिजीटल इंडिया मुहिम के तहत केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय में नेवा नाम से महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। इस परियोजना के तहत देश की संसद और विधान सभाओं व विधान परिषदों का डिजीटलाइजेशन कर उन्हें पेपरलैस किया जा रहा है। अभी तक देश भर के 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परियोजना के तहत एमओयू साइन कर चुके हैं। खास बात यह है कि अभी तक जिन राज्यों ने नेवा के तहत अपने सदन को पेपरलैस किया है, उनमें हरियाणा सबसे अग्रणी है। हरियाणा शुरुआत में ही परियोजना के तीसरे चरण में पहुंच रहा है। इससे पूर्व जिन राज्यों ने यह परियोजना शुरू की है, वे अधिकतर पहले चरण में ही हैं।
विधान सभा के डिजीटलाइजेशन की प्रक्रिया लोकतंत्र के सुदृढ़िकरण में मील का पत्थर साबित होगी। इस परियोजना से जनता का जनप्रतिनिधियों से संपर्क सुगम और सहज हो सकेगा। इसी प्रकार जनप्रतिनिधियों की विधायी कामकाम में भूमिका प्रभावी बन सकेगी। आम नागरिक भी अपने काम की जानकारी सिंगल क्लिक से प्राप्त कर सकेंगे।

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