साधक को सदा परमात्मा के अहोभाव में ही जीना चाहिए : समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
मुरथल : समर्थगुरु धाम संस्थान मुरथल हरियाणा के संस्थापक समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया की विशेष कृपा से समर्थगुरू संघ हिमाचल के जोनल कोऑर्डिनेटर आचार्य डॉ. सुरेश मिश्रा ने कथा व्यास आचार्य भूपेन्द्र भारद्वाज जी से सनातन धर्म की चर्चा की। श्री सनातन धर्म मन्दिर, कसौली की ओर से वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में शिव पुराण कथा रविवार 15 जून से 26 जून 2025 तक हुई। नगर कीर्तन एवं शोभा यात्रा और भंडारे से प्रारंभ हुआ। प्रतिदिन कथा प्रवचन सायं 3 बजे से 6 बजे तक हुआ और कथा उपरांत भंडारा 6 बजे से शुरू हो जाता था। 26 जून 2025 वीरवार को यज्ञ पूर्ण आहुति एवं पुराण कथा समापन 10 बजे प्रारंभ हुआ और शाम 7 बजे तक भंडारा चलता रहा। श्री सनातन धर्म मन्दिर की प्रबंधक कमेटी एवं स्त्री सत्संग सभा कसौली के सभी सदस्यों के साथ सभी श्रद्धालु भक्तों ने श्रद्धा भावना से सेवा की। श्री सनातन धर्म मन्दिर कसौली के पुजारी देवेन्द्र नौटियाल जी ने वैदिक मंत्रों से पूजा अर्चना करवाई।
डॉ. मिश्रा ने समर्थगुरु द्वारा रचित गोरख गीता कथा व्यास आचार्य भूपेन्द्र भारद्वाज जी को भेंट की और ध्यान योग कार्यक्रम की जानकारी दी। समर्थगुरू धारा, मुरथल, हरियाणा एक संपूर्ण गुरुकुल है। यहाँ अध्यात्म और संस्कृति, योग और विज्ञान, ध्यान और धनार्जन, समाधि और प्रज्ञा, ज्ञान और भक्ति सभी आयामों की शिक्षा दी जाती है। समर्थगुरु द्वारा निर्मित ध्यान योग में ध्यान और ओंकार का अनुभव प्राप्त करें। तनाव, दुःख उत्तेजना और मायावी मन से मुक्त होकर आत्मिक आनन्द और उमंग भरी ज़िन्दगी जियें।
ट्विटर के माध्यम से समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया जी ने बताया कि अहोभाव क्या है ? जितना है तुम्हारे पास, उसके लिए तुम्हारे भीतर संतोष भाव है कि जो हम डिजर्व करते थे, हे परमात्मा ! तुमने उससे ज़्यादा हमें दिया है। इसके लिए धन्यवाद है। हम धन्यभागी हैं कि हमारे पास इतना कुछ है। इसका नाम है अहोभाव।