नगर निकाय चुनाव को लेकर लोगों में तथा प्रत्याशियों में बढी सरगर्मी

नगर निकाय चुनाव को लेकर लोगों में तथा प्रत्याशियों में बढी सरगर्मी

अतरौलिया आजमगढ़ स्थानीय नगर पंचायत चुनाव को लेकर संभावित उम्मीदवार एवं उनके समर्थकों में बहुत उत्साह एवं टिकट पाने की बेचेनी देखने को मिल रही है। बता दे कि संभवत: दिसंबर मांह में नगर पंचायत का चुनाव होना है जिसको लेकर संभावित उम्मीदवार एवं उनके समर्थकों की बेचैनी बढ़ती चली जा रही है। लोगों का कहना है कि इस बार का चुनाव बहुत ही संघर्षपूर्ण होगा जिसमे सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों को टिकट देंगे और उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देंगे। अभी लोगों में यह भी चर्चा है कि परिसीमन में सीट परिवर्तन होगा कि नहीं, वहीं संभावित उम्मीदवार जनमानस में जाकर अपने अपने पक्ष में लोगों को प्रभावित कर रहे हैं और अपनी तरफ आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में यह देखना है कि 11 वार्ड के लगभग 8500 मतदाताओं वाले वैश्य बहुल अतरौलिया नगर पंचायत में 4000 से अधिक मतदाता वैश्य समाज के है जिसमें जायसवाल, सोनार, मद्धेशिया, अग्रहरि, कसौधन, चौरसिया, गुप्ता, मोदनवाल, बरनवाल आदि जातियों को मिलाकर लगभग 50% आबादी वाले अतरौलिया नगर पंचायत में वैश्य समाज का दबदबा कायम है। आदर्श नगर पंचायत अतरौलिया में किस पार्टी द्वारा किस व्यक्ति को टिकट देकर पार्टी का प्रत्याशी बनाया जाएगा यह तो वक्त बताएगा। वही कई दावेदार निर्दल भी चुनाव लड़ सकते हैं ऐसे में यह लोग अभी से जनता के बीच में जाकर उनका आशीर्वाद मांग रहे हैं। चट्टी चौराहा एवं चाय पान की दुकानों पर सुबह शाम नगर पंचायत चुनाव की चर्चा जोरों से चल रही है, वहीं नगर पंचायत के परिसीमन को लेकर प्रत्याशियों में भी उलझन बनी हुई है। यह उलझन टिकट पाने को लेकर है। संभावित प्रत्याशियों द्वारा टिकट पाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। जहां समाजवादी पार्टी से लगातार चार बार से चुनावी जंग जीत रहे वर्तमान चेयरमैन सुभाष चंद्र जायसवाल का पुनः मैदान में आना निश्चित है। वही सूत्रों के अनुसार टिकट को लेकर सबसे ज्यादा मारामारी प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में देखने को मिल रही है। इस पार्टी से चेयरमैन पद हेतू टिकट मांगने वाले संभावित उम्मीदवारों की संख्या लगभाग आधा दर्जन है। जिसमे भारतीय जनता पार्टी से चेयरमैन पद हेतु प्रमुख दावेदारी जनसंघ काल से ही भाजपाई, पार्टी संगठन में भी तमाम पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके पार्टी के बुरे वक्त में भाजपा के चेयरमैन पद के प्रत्याशी रह चुके विवेक कुमार जायसवाल की है। जिनकी छवि समाज में कर्मठ, इमानदार, संघर्षशील एवं जुझारु छवि के रूप में जाने पहचाने जाते है, तथा व्यापारी बहुल अतरौलिया नगर पंचायत में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के लगातार 10 वर्षों तक अध्यक्ष रहे और व्यापारी वर्ग की समस्याओं को निराकरण हेतू अधिकारियों एवम कर्मचारियों से दमदारी के साथ बातचीत करके समस्याओं का निस्तारण कराते रहे एवं समाज के हर संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाते रहने के कारण के कारण व्यापारी वर्ग एवं अन्य वर्ग के मतदाताओं में भी इनकी पकड़ अच्छी व मजबूत है। वही पूर्व प्रत्याशी दिनेश कुमार मद्धेशिया भी टिकट के प्रमुख दावेदार में एक है जो कि 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के सभासद रहे एवं 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार प्रसार में लगे रहे। जिन्हें भाजपा के ही कुछ मठाधीश नेताओं द्वारा पिछले 2017 के नगर पंचायत चुनाव के वक्त भाजपा में शामिल कराके जिताऊ उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत करके भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया और भाजपा अपने स्वर्णिम काल केंद्र एवं प्रदेश में सत्तारूढ़ होने के बाद भी अपनी जमानत नहीं बचा पायी। इसके अतिरिक्त धर्मेंद्र निषाद उर्फ राजू मंडल उपाध्यक्ष पिछड़ा मोर्चा, महेंद्र यादव के अतिरिक्त सूत्रों के अनुसार रामचंद्र जायसवाल जो कि 1996 के चुनाव में सपा के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चेयरमैन चूने गए थे। इनके पांच वर्षों के कार्यकाल में अतरौलिया नगर पंचायत मे विकास का कोई भी कार्य नहीं हो पाया, यहां तक कि इनके कार्यकाल में अतरौलिया नगर पंचायत के विकास हेतु आया हुआ धन भी वापस चला गया जिसके कारण रामचंद्र जायसवाल सीटिंग चेयरमैन होने के बाद भी 2001 का चुनाव स्वयं न लड़कर अपने ही परिवार के सदस्य भाई भतीजावाद के चक्कर में पड़कर सुभाष चंद्र जायसवाल को समाजवादी पार्टी के रूप में चुनाव लड़ाया और समाजवादी पार्टी के गढ़ अतरौलिया में सपा के दिग्गज नेता बलराम यादव के आशीर्वाद स्वरुप सुभाष चंद्र जायसवाल अतरौलिया नगर पंचायत के चुनाव में विजयी हुए। 2001 से लेकर आज तक लगातार 20 वर्षों से वैश्य बहुल अतरौलिया नगर पंचायत पर वैश्य समाज के समर्थन से सुभाष चंद्र जायसवाल सपा प्रत्याशी के रूप में काबीज है। पुनः 2006 में रामचंद्र जायसवाल ने समाजवादी पार्टी से टिकट की दावेदारी पेश किया और सपा का टिकट ना मिलने के कारण बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे और 2017 के चुनाव तक बसपा प्रत्याशी के रूप में लगातार तीन बार से सपा प्रत्यासी सुभाष चंद्र जायसवाल से पराजित होते आ रहे हैं। बसपा संगठन के सूत्रों की माने तो बसपा संगठन ने इस बार के चुनाव में रामचंद्र जायसवाल को टिकट देने से साफ़ साफ इंकार कर दिया है। जिसके कारण अब ये भाजपा पार्टी से टिकट की जुगाड़ में लगे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार लोगों में यह भी चर्चा है कि रामचंद्र जायसवाल सुभाष चंद्र जायसवाल को चुनाव जीताने के लिए चुनाव लड़ते हैं। भाजपा एवं बसपा दोनों दलो में टिकट के जुगाड़ में लगे हुए रामचंद्र जायसवाल का क्या होगा यह तो वक्त बताएगा । सूत्रों के अनुसार बहुजन समाज पार्टी से पूर्व चेयरमैन तथा लगातार चार बार से चुनावी जंग में मात खा रहे पूर्व प्रत्याशी रामचंद्र जायसवाल, राजेंद्र प्रसाद निषाद उर्फ़ बबलू, हिमांशु विनायकर उर्फ टीटू चेयरमैन पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। फिलहाल भाजपा, सपा, बसपा एवं अन्य जो भी दल है उस दल से किसको टिकट मिलेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
समाचार एवं विज्ञापन के लिए संपर्क करें 9452717909

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

कन्नौज जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ने फीता काटकर की शुरुआत , सीता हरण की लीला का हुआ मंचन

Thu Oct 20 , 2022
कन्नौज जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ने फीता काटकर की शुरुआत , सीता हरण की लीला का हुआ मंचन कस्बा खढनी मे चल रही आदर्श परमानंद रामलीला मे आठवें दिन मे कन्नौज जिला पंचायत अध्यक्ष प्रिया शाक्य, ब ओमकार शाक्य जिला पंचायत प्रतिनिधि शाक्य ने फीता काटकर शुभारंभ किया। क्षेत्र पंचायत […]

You May Like

advertisement