लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर दो सदस्यीय टीम ने रेफ़रल अस्पताल रुपौली का किया निरीक्षण

लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर दो सदस्यीय टीम ने रेफ़रल अस्पताल रुपौली का किया निरीक्षण

  • मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए लक्ष्य योजना की हुई शुरुआत: आरपीएम
  • निरिक्षीय टीम द्वारा जांच के बाद अंकों का किया जाता है निर्धारण: डीपीएम

पूर्णिया, 12 अक्टूबर।

लक्ष्य प्रमाणीकरण के तहत चयनित रेफ़रल अस्पताल रुपौली का निरीक्षण राज्य से आई दो सदस्यीय टीम के द्वारा किया गया। इस दौरान प्रसव एवं प्रसूति कक्ष का बारीकी से निरीक्षण किया गया। इस दौरान केयर इंडिया की ओर से स्टेट रिसोर्स यूनिट की टीम लीड (दक्षता वृद्धि ) डॉ अबोली गोरे एवं सीतामढ़ी सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक विजय चंद्र झा के द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मिथिलेश कुमार, अस्पताल प्रबंधक सलीमा खातून, प्रसव कक्ष की प्रभारी स्टाफ़ नर्स रीता कुमारी, खुशबू कुमारी, रौली कुमारी एवं प्रणीता कुमारी से पूरी जानकारी ली गयी। यह दो सदस्यीय टीम अपने दो दिवसीय दौरे पर पूर्णिया के रेफ़रल अस्पताल रुपौली एवं अमौर के लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए निरीक्षण करने के लिए आई हुई है।

इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कैशर इक़बाल, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, ज़िला गुणवत्ता यक़ीन पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार शर्मा, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, जिला लेखा प्रबंधक पंकज कुमार मिश्रा, यूनिसेफ़ के क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद, केयर इंडिया के डिटीएल आलोक पटनायक, एनएमएस मधुबाला, यूनिसेफ़ के तनुज कौशिक, सीफार के धर्मेंद्र रस्तोगी सहित स्थानीय अस्पताल के चिकित्सक एवं अन्य कर्मी मौजूद रहे।

मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए लक्ष्य योजना की हुई शुरुआत: आरपीएम
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कैशर इक़बाल ने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने लक्ष्य योजना शुरुआत की है। इसके माध्यम से प्रसव कक्ष में प्रसूता को दी जाने वाली आधुनिक सुविधाओं का अवलोकन किया जाता है। ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। लक्ष्य टीम के निरीक्षण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों को आर्थिक सहायता भी दी जाती है। इससे अस्पताल के लेबर रूम एवं प्रसूता कक्ष में आधुनिक उपकरणों की सुविधाओं के साथ प्रसव से जुड़ी हुई नई-नई तकनीक के प्रयोग से जच्चा और बच्चा का पूरा ध्यान रखा जा सकेगा। इसके तहत प्रसव कक्ष, मैटरनिटी सेंटर में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाना है। लक्ष्य योजना का मूल उद्देश्य प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह की सुख सुविधाओं को पहले से बेहतर बनाने के साथ ही इससे जुड़ी हुई सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना होता है। मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लक्ष्य प्रमाणीकरण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है।

निरिक्षीय टीम द्वारा जांच के बाद अंकों का किया जाता है निर्धारण: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रसव कक्ष के अलावा प्रसूता कक्ष को लक्ष्य प्रमाणीकरण के गाइडलाइन के तहत संस्थागत प्रसव के लिए सुव्यवस्थित तरीक़े से तैयार करते हुए हर तरह की सुविधाएं दी जाती है। लक्ष्य योजना के मानकों के अनुरूप प्रसव से संबंधित सभी तरह की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। निरिक्षीय टीम द्वारा जांच के बाद अंकों का निर्धारण किया जाता है। जिसमें 70 से 80 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को सिल्वर की श्रेणी में रखा जाता हैं। जबकि 81 से 90 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को गोल्ड की श्रेणी में तो वहीं 91 से 100 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को प्लेटिनम की श्रेणी में रखा जाता हैं। इन सभी श्रेणियों को प्रशस्ति पत्र के साथ ही प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि दी जाती है। जिससे प्रसव कक्ष में आने वाली प्रसूताओं से संबंधित खर्च किया जाता है।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

राज्यस्तरीय अधिकारी ने किया कुष्ठ रोगी खोज अभियान का निरीक्षण

Thu Oct 13 , 2022
राज्यस्तरीय अधिकारी ने किया कुष्ठ रोगी खोज अभियान का निरीक्षण-जिले में फिलहाल कुष्ठ रोग से ग्रसित हैं 319 मरीज, रोगियों का समुचित इलाज जारी अररिया जिले में कुष्ठ रोगियों की खोज के लिये विशेष अभियान संचालित है। 08 से 18 अक्टूबर के बीच संचालित इस अभियान के क्रम में जिले […]

You May Like

Breaking News

advertisement