देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करेंः प्रो. सोमनाथ सचदेवा

केयू में एनएसएस के 57वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह।
कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 25 सितम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) सेल द्वारा एनएसएस के 57वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन बुधवार देर सांय किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर एनएसएस स्वयंसेवकों एवं कार्यक्रम अधिकारियों ने बैनर के माध्यम से वर्ष 2024-25 की गतिविधियों का प्रदर्शन किया, जिसका अवलोकन मुख्य अतिथि प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने किया और उनके कार्यों की सराहना की।
अपने संबोधन में कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने विद्यार्थियों को नशा मुक्ति अभियान चलाने, रक्तदान शिविर आयोजित करने और उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। प्रत्येक स्वयंसेवक को समाज सेवा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का अनुसरण करने पर बल देते हुए कहा कि इन्हें आत्मसात कर हम सफल व्यक्ति बन सकते हैं और राष्ट्र के विकास में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि एनएसएस विद्यार्थियों में सेवा भावना, अनुशासन और नेतृत्व गुणों का विकास करता है। युवा समाज को नई दिशा देने की सबसे बड़ी शक्ति हैं।
कार्यक्रम में कुलसचिव लेफ्टिनेंट डॉ. वीरेंद्र पाल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने स्वयंसेवकों को “स्वयं से पहले आप” की भावना पर चलने का संदेश दिया और कहा कि व्यक्तित्व तथा सामाजिक विकास से ही देश प्रगति कर सकता है।
मुख्य वक्ता डॉ. जितेन्द्र कुमार (राज्य पुरस्कार विजेता एवं पूर्व कार्यक्रम अधिकारी, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद) ने स्वयंसेवकों को बताया कि एनएसएस विद्यार्थियों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सर्वांगीण विकास का अवसर प्रदान करता है। एनएसएस की हर गतिविधि में सामाजिक समरसता और संस्कार परिलक्षित होते हैं।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय स्तर पर “अवार्ड ऑफ रिकॉग्निशन” से कार्यक्रम अधिकारियों की श्रेणी में डॉ. अनुराधा, डॉ. अनीता गोदारा, डॉ. मनदीप, डॉ. सिद्धांत, डॉ. अतुल शर्मा, डॉ. अनिल पांडे, डॉ. आभा चौधरी, डॉ. मोहित बिंदलिश, डॉ. राजबीर, डॉ. सोनिया रानी तथा स्वयंसेवकों की श्रेणी में अंकित, अनमोल शर्मा, मुरारी कुमार, रोहन, सिमरन, गौरव परमार, हार्दिक, हिमानी, प्रदीप, संदीपो एवं सुशील को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने कविता, गायन, नुक्कड़ नाटक और नृत्य प्रस्तुत कर देश एवं एनएसएस के प्रति अपनी भावनाएँ प्रकट कीं। विशेष आकर्षण हरियाणवी एवं पंजाबी लोक नृत्य रहे। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आनंद कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा उप-समन्वयक डॉ. नीरज बातिश ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन डॉ. निधि माथुर ने किया।
कार्यक्रम में कुल 450 स्वयंसेवकों और कार्यक्रम अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आनंद कुमार, उप-समन्वयक डॉ. नीरज बातिश, डॉ. वीर विकास, डॉ. संदीप, डॉ. ज्योति, डॉ. राजरतन, डॉ. सतीश कुमार एवं डॉ. डिंपल भी उपस्थित रहे।