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उत्तराखंड: 13 वर्षों से कागजों में अटका फाउंडेशन अस्तित्व में आया

उत्तराखंड: 13 वर्षों से कागजों में अटका फाउंडेशन अस्तित्व में आया,
सागर मलिक

*उत्तराखंड
सूचना आयोग की सुनवाई से खुला राज

निर्मल अखाड़े ने जमा किए ₹5 लाख

ग्रीन बेल्ट और वाटर होल निर्माण का आश्वासन*

देहरादून। सूचना आयोग में फाइल खुली तो वन विभाग में 13 साल से कागजों में चल रहा टाइगर रिजर्व फाउंडेशन गठित हो गया। फाउंडेशन में वन्य जीव संरक्षण के लिए धनराशि भी जमा होने लगी। हरिद्वार में पंचायती अखाड़ा निर्मल द्वारा ₹500000 (पांच लाख रूपये) भी जमा कर दिए गये तथा राजाजी रिजर्व में वाटर होल बनाने का आश्वासन भी दिया है।

राज्य सूचना आयोग में हरिद्वार निवासी रमेश चंद्र शर्मा की एक अपील पर सुनवाई में यह प्रकाश में आया कि राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे क्षेत्र में निर्माण हेतु पार्क प्रशासन द्वारा जारी अनापत्ति की शर्तों का पालन नहीं हो रहा है। पार्क द्वारा अनापत्ति में टाइगर रिजर्व एवं वन्य जीव संरक्षण हेतु धनराशि जमा किए जाने की शर्त सिर्फ कागजों में है। जिस टाइगर रिजर्व फाउंडेशन में धनराशि जमा कराने की शर्त है वह टाइगर रिजर्व फाउंडेशन ही नहीं है।

रमेश चंद्र शर्मा द्वारा हरिद्वार में निर्मल पंचायती अखाड़ा को वन विभाग द्वारा निर्माण हेतु दी गई अनापत्ति के संबंध में सूचना मांगी गई थी। संतोषजनक सूचना प्राप्त न होने पर रमेश चंद्र शर्मा ने सूचना आयोग में अपील की जिस पर सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त ने विभाग से अनापत्ति दिए जाने का विवरण तलब किया। वन विभाग में 13 साल पहले निर्मल अखाड़े को कुछ शर्तों के साथ अनापत्ति दी गई थी जिसमें राजाजी पार्क के अंदर वन्य जीवन हेतु एक बड़ा वाटर होल बनाने टाइगर रिजर्व कंजर्वेशन फाउंडेशन में ₹500000 (पांच लाख रूपये) जमा कराने और राजाजी टाइगर रिजर्व की ओर चौड़ी पत्ती के ऊंची प्रजाति के वृक्षों की ग्रीन बैल्ट बनाना प्रमुख था।

सुनवाई के दौरान खुलासा हुआ कि पंचायती अखाड़े निर्मल ने अनापत्ति की शर्तों का पालन किये बिना ही व्यापक निर्माण कार्य किया है। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भटट् ने विभाग को अनापत्ति के शर्तों के अनुपालन के संबंध में सूचना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये जिसके क्रम में वन विभाग द्वारा राजाजी टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन गठित कर उनके खाते में ₹500000 (पांच लाख रूपये) की धनराशि निर्मल अखाड़े से जमा कराई गयी। आयोग के निर्देश पर की गयी कार्यवाही पर पंचायती अखाड़ा निर्मल द्वारा आश्वस्त किया गया किः
राजाजी टाइगर रिजर्व की तरफ आश्रम द्वारा चौड़ी पत्ती के ऊंची प्रजाती के वृक्षों द्वारा ग्रीन बेल्ट बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है, व आगामी वर्षा ऋतु में उक्त पेड लगा दिये जायेंगे।

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 / संशोधित 2006 तथा शासनादेशों व पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार के आदेशों के पूर्ण रूप से पालन किया जायेगा।

वन्य जीवो के पीने के पानी की व्यवस्था हेतु राजाजी टाईगर रिजर्व के एक बड़ा वाटर होल बनाने हेतु धनराशी उपलब्ध कराने हेतु अखाडे की कमेटी के समक्ष इस तथ्य को रखते हुये जल्द ही इसकी कार्यवाही की जाएगी।

भविष्य में वन्यजीवों के संरक्षण के हित को ध्यान में रखते हुए यदि कोई निर्देश/शर्त लगाई जाती है तो उसका अनुपालन अवश्य किया जायेगा।

आयोग ने निर्देशित किया है कि अन्य प्रकरणों की भी समीक्षा की जाये तथा एन.ओ. सी. की शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।

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