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वंदे मातरम’ मात्र एक गीत नहीं, बल्कि भारत की स्वाधीनता संघर्ष की आत्मा, शौर्य और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीकः डॉ. वीरेन्द्र पाल

कुवि में ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ पर भव्य आयोजन।

कुरुक्षेत्र, संजीव कुमारी 7 नवम्बर : हरियाणा सरकार के कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में ‘वंदे मातरम’ गीत के 150वें वर्ष का स्मरण बड़े उत्साह और गरिमामय वातावरण में किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय सीनेट हॉल में विद्यार्थियों ने एकजुट होकर राष्ट्रगीत वंदे मातरम का सामूहिक गायन किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलसचिव लेफ्टिनेंट डॉ. वीरेन्द्र पाल उपस्थित रहे। वहीं, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. ए. आर. चौधरी ने भी कार्यक्रम में विशेष सहभागिता दर्ज कराते हुए विद्यार्थियों को राष्ट्रीय अस्मिता एवं सांस्कृतिक चेतना के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया।
कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘वंदे मातरम’ मात्र एक गीत नहीं, बल्कि यह भारत की स्वाधीनता संघर्ष की आत्मा, शौर्य और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है। यह गीत उन अनगिनत क्रांतिकारियों की प्रेरणा रहा, जिन्होंने राष्ट्र की आज़ादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि इस गीत की गूंज में देशभक्ति, समर्पण, कर्तव्य और मातृभूमि के प्रति प्रेम की अद्भुत शक्ति निहित है, जिसे आज की युवा पीढ़ी को आत्मसात करने की आवश्यकता है।
छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. ए. आर. चौधरी ने कहा कि ऐसे राष्ट्रीय आयोजन हमें हमारे गौरवशाली इतिहास से जोड़ते हैं और यह याद दिलाते हैं कि राष्ट्र की प्रगति में प्रत्येक नागरिक, विशेषकर युवा वर्ग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जब राष्ट्रगीत और देशभक्ति के गीत सामूहिक रूप से गाते हैं, तो यह केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होता, बल्कि यह हृदय से राष्ट्र के प्रति निष्ठा व्यक्त करने का माध्यम बनता है।
निर्देशों के अनुसार सामूहिक गायन सुबह 9.50 बजे किया गया, जिसके पश्चात सुबह 10.25 बजे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का सीधा प्रसारण विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में कराया गया। सभी ने ध्यानपूर्वक प्रधानमंत्री के संदेश को सुना और राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक गर्व एवं भारत की वैश्विक भूमिका से जुड़े विचारों से प्रेरित हुए।
कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता विभाग द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. आनंद कुमार, डॉ. जतिन कालोन सहित जियोलॉजी, विधि संस्थान, मैनेजमेंट सहित विभिन्न विभागों के लगभग 200 विद्यार्थी में मौजूद रहे। परिसर में राष्ट्रभक्ति का उत्साह, अनुशासन और एकता का मनोहारी वातावरण देखने को मिला।

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