जिले के साढ़े पांच लाख बच्चों को तीन अगस्त से दी जाएगी विटामिन ए की खुराक

रिपोर्ट पदमाकर पाठक

जिले के साढ़े पांच लाख बच्चों को तीन अगस्त से दी जाएगी विटामिन ए की खुराक

बाल स्वास्थ्य पोषण माह – नौ माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पिलायी जायेगी विटामिन “ए” की खुराक।

स्तनपान व ऊपरी आहार को बढ़ावा देते हुए कुपोषण से बचाव पर भी दिया जाएगा जोर।

आजमगढ़। जिले में तीन अगस्त से शुरू हो रहे बाल स्वास्थ्य पोषण माह के दौरान नौ माह से पांच साल तक के करीब साढ़े पाँच लाख शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जायेगी। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होगा और बच्चे स्वस्थ रहेंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आईएन तिवारी का ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने इस बारे में प्रदेश के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों (आईसीडीएस) को पत्र भेजा है। इसमें बाल विकास परियोजना अधिकारियों, मुख्य सेविकाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इस संबंध में निर्देशित करने को कहा गया था। उसी के मुताबिक़ जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों द्वारा कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि जिले में करीब साढ़े पाँच लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है। एक माह तक चलने वाले इस अभियान के दौरान प्रत्येक बुधवार और शनिवार को ही बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। इसमें नौ से बारह माह तक के बच्चों की संख्या 31568, एक से दो वर्ष के बच्चों की संख्या 118957 और दो से पाँच साल तक के बच्चों की संख्या 385418 है। नौ से बारह माह तक के बच्चों को आधा चम्मच यानी एक एमएल, एक से पांच साल तक के बच्चों को दो एमएल दवा दी जानी है। विटामिन ए की खुराक से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी। हड्डियों को मजबूत बनाने और घाव भरने में भी मदद मिलेगी। यह अभियान सभी टीकाकरण सत्र स्थलों से संचालित किया जा रहा है। यूनिसेफ के जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रवेश मिश्रा ने बताया कि जिले में अभियान तीन अगस्त से शुरू होकर एक माह तक बाल स्वास्थ्य पोषण माह (बीएसपीएम) के रूप में मनाया जाएगा। अभियान में यदि कोई क्षेत्र छूट जाता है तो उसके लिए अलग से अभियान चलाकर दवा पिलाने का काम होगा। सभी टीमों को निर्देशित किया गया है कि इसमें आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम अपने-अपने क्षेत्र के बच्चों को दवा पिलाने का काम करेंगी। बाल स्वास्थ्य पोषण माह का उद्देश्य नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन “ए” की खुराक से आच्छादित करना है। सभी कुपोषित बच्चों का पुनः वजन, पहचान, प्रबंधन व संदर्भन करना है। नियमित टीकाकरण (आरआई) के दौरान लक्षित बच्चों के साथ ही बीच में टीकाकरण छोड़ने वाले बच्चों का शत-प्रतिशत प्रतिरक्षण सुनिश्चित करना है। बाल रोगों की रोकथाम करते हुए स्तनपान व ऊपरी आहार को बढ़ावा देते हुए कुपोषण से बचाव करना है। आयोडीन युक्त नमक के प्रयोग को बढ़ावा देना है।

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