Uncategorized

“हरि नाम के हीरे मोती हम बिखराए गली गली..!” पंक्तियों को सार्थक करने वाले श्रद्धेय गुरु महाराज जी का हुआ गोलोकगमन

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)

बरेली : 40 वर्षों से समाज में अध्यात्म की दिव्य लौ जगा कर समाज को एक सूत्र में बांध कर संस्कारी बनाने और जन मानस का कल्याण करने के उद्देश्य को साकार करने वाले श्रद्धेय सतगुरु महाराज श्री राम नाथ अरोड़ा जी ने आज सांय गुरुवार को अपना शारीरिक चोला छोड़ दिया । श्रद्धेय सतगुरु महाराज जी श्री राम नाथ अरोड़ा जी ने सर्वप्रथम वर्ष 1982 में श्री वैष्णो देवी बुआ दाती संकीर्तन मण्डल की स्थापना की और निष्काम भाव से साप्ताहिक संकीर्तन की परम्परा डाल कर घर घर में निष्काम संकीर्तन बरेली गुलाब नगर से प्रारंभ किया । उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन से संकीर्तन मण्डल की समानांतर शाखाएं अलग अलग जिलों में भी करने लगी । उनके त्याग और तत्परता से 40 वर्षों के साप्ताहिक संकीर्तन का जनमानस भरपूर लाभ लिया और उसकी लोकप्रियता अखिल भारतीय स्तर पर सराही जाने लगी । श्रद्धेय सतगुरु महाराज जी ने संकीर्तन श्रृंखला के दौरान बरेली में वर्ष 2005 में दिव्य धाम झिड़ी धाम आश्रम की भी स्थापना बरेली से 13 किलोमीटर रिठौरा में की । झिड़ी धाम आश्रम में उन्होंने अपने सानिध्य में भव्य दुःख निवारण सरोवर, मंदिर शिव परिवार,मंदिर श्री हनुमान और सन्त निवास का निर्माण कराया । एक सिद्ध सन्त के रूप में श्री राम नाथ अरोड़ा जी के लाखों अनुयायी आज समूचे भारत वर्ष में फैले है और उनके मार्गदर्शन का लाभ ले रहे है । उनके गोलोकगमन से उनके लाखों अनुयायियों में शोक की लहर व्याप्त है ।
उल्लेखनीय है कि 85 वर्षीय श्रद्धेय राम नाथ अरोड़ा जी ने अपने जीवन काल के अंतिम चरण तक श्री हरि नाम संकीर्तन का आश्रय लेकर समस्त साध संगत जी को लाभान्वित किया और अपने जीवन काल के अंतिम क्षणों में भी उन्होंने अपनी श्वासों में श्री हरि नाम संकीर्तन का उच्चारण किया । कल दिनांक 24 जनवरी को प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक सारी संगत उनके अन्तिम दर्शन स्थानीय झिड़ी धाम आश्रम, ग्राम आसपुर खूब चंद, रिठौरा(बरेली) में कर सकेगी ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Compare Listings

Title Price Status Type Area Purpose Bedrooms Bathrooms
plz call me jitendra patel