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हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर वीरवार को श्रीकृष्णा आयुष विवि के राजकीय महाविद्यालय में ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। मुंबई से चरक फार्मेसी से डॉ. सुनिल इनामदार ने हैपेटाइटिस प्रबंधन और वर्तमान में आयुर्वेदिक दृष्टिकोण विषय पर ऑनलाइन माध्यम से भावी चिकित्सकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। जिससे लिवर में सूजन आ जाती है। दरअसल हेपेटाइटिस इंफेक्शन के कारण होने वाली समस्या है। जो ज्यादा मात्रा में अल्कोहल लेने की आदत, टॉक्सिन, दूषित भोजन और पानी और इसके मेडिकल कारण भी हो सकती हैं। आयुर्वेद में हेपेटाइटिस के उपचार के लिए आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी-बूटियों का उल्लेख मिलता है। जिनका इस्तेमाल लिवर के विकारों को खत्म करने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही आयुर्वेद में असाध्य रोगों का भी इलाज संभव है। इस अवसर पर श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना ने कहा कि विश्व हेपेटाइटिस दिवस हर वर्ष जागरूकता प्रसारित करने और लोगों को शीघ्र निदान, रोकथाम और हेपेटाइटिस के उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। लिवर से संबंधित सभी बीमारियां पित्त दोष के असंतुलित होने के कारण होती हैं। इस बीमारी में व्यक्ति का पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। जो बाद में हेपेटाइटिस, सिरोसिस और फैटी लिवर जैसे रोगों का रूप लेता है। जो खराब जीवनशैली और खानपान संबंधित आदतों के कारण होता है। आयुर्वेदिक उपचार द्वारा ऐसे अधिकतर रोगों को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इसके साथ ही आहार और जीवनशैली में बदलाव कर लिवर रोगों को पैदा होने से रोका जा सकता है। कार्यक्रम के अन्त में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर दिये। इस अवसर पर चरक फार्मेसी से सेल्स मैनेजर विक्रम बत्रा, एमआर खेमराज और डॉ. सचिन शर्मा, डॉ. प्रेम चंद मंडल, डॉ. आशीष नांदल, डॉ. नेहा लांबा समेत बीएएमएस और एमडी के विद्यार्थी उपस्थित रहे।