भविष्य में तापमान बढ़ने पर भी गेहूं का अच्छा होगा उत्पादन : डा. सी. बी. सिंह

भविष्य में तापमान बढ़ने पर भी गेहूं का अच्छा होगा उत्पादन : डा. सी. बी. सिंह।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कृषि वैज्ञानिकों ने निरंतर किया है बढ़ते तापमान में गेहूं की फसल को लेकर किसानों की परेशानी दूर करने के लिए अनुसंधान।

कुरुक्षेत्र, फरवरी : फरवरी महीने में अचानक बढ़े मौसम के तापमान और लगने वाली बीमारियों को लेकर कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विशेषज्ञ चर्चा कर रहे हैं तो किसान खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को लेकर चिंतित हैं। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. सी. बी. सिंह ने बताया कि भविष्य में किसानों की चिंता समाप्त करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने काम किया है।
उन्होंने बताया कि बीते वर्षों में कृषि वैज्ञानिक गेहूं की फसल को लेकर अनुसंधान कर रहे थे। वैज्ञानिकों ने गर्मी में बम्पर उत्पादन वाली गेहूं की नई किस्म तैयार है। डा. सिंह ने बताया कि जलवायु परिवर्तन का दुष्परिणाम झेल रहे किसानों की परेशानी दूर करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई किस्म विकसित की है। गेहूं की नई किस्म अधिक तापमान में भी ज्यादा उत्पादन देगी। गेहूं की इस किस्म का नाम एचडी -3385 दिया गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि नई किस्म की पैदावार एचडी-3410 के समान है। जिसका उत्पादन पिछले वर्ष 7.5 टन प्रति हेक्टेयर दर्ज किया है। नई किस्म के पौधे की ऊंचाई 95 सेमी है। इसके तने काफी मजबूत हैं।
डा. सिंह ने बताया कि नई किस्म की फसल पकने में कम समय लेती है और जल्दी बुवाई के लिए उपयुक्त है। परीक्षण के दौरान 22 अक्टूबर को बोई गेहूं की नई किस्म अभी परागण अवस्था में पहुंच गई हैं, जबकि सामान्य समय में लगाए गेहूं के लिए बालियों का उभरना शुरू होना बाकी हैं। गेहूं की फसल आमतौर पर 140-145 दिन के बाद पकती है। बुआई 20 , अक्टूबर के पहले हो जाए तो इसकी कटाई मार्च में हो सकती हैं।
डा. सिंह कहा कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा की गई यह खोज ऐसे समय सामने आई है जब अनाज की कीमतों में भारी वृद्धि दर्ज की है। गेहूं की महंगाई से निपटने के लिए सरकार को भंडार खोलना पड़ा। उन्होंने कहा कि फरवरी में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी का आना आम लोगों के साथ-साथ किसानों के लिए भी काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है। गेहूं की फसल खेतों में ही है। आशंका है कि इस बार भी कहीं कहीं किसानों को नुकसान उठाना पड़े। ऐसे में वैज्ञानिकों की उपलब्धि उम्मीद की किरण बनकर आई है। इससे किसान गेहूं का अच्छा उत्पादन पा सकेंगे।
कृषि वैज्ञानिक डा. सी. बी. सिंह।

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