मंडलीय जिला अस्पताल में मनाया गया विश्व दृष्टि दिवस

रिपोर्ट पदमाकर पाठक

मंडलीय जिला अस्पताल में मनाया गया विश्व दृष्टि दिवस

आजमगढ़। प्रत्येक वर्ष 13 अक्टूबर का दिन पूरी दुनिया में विश्व दृष्टि दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस क्रम में गुरुवार को मंडलीय जिला चिकित्सालय के एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में गोष्ठी का आयोजन कर विश्व दृष्टि दिवस मनाया गया, जिसका उद्देश्य लोगों को आंखों की सेहत के बारे में बताना और जागरूक करना है। सुरक्षात्मक कदम उठाने, नियमित जांच, उपचार और जरूरी परहेज से आंखें लंबे समय तक स्वस्थ रह सकती हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी* *डॉ आईएन तिवारी ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत मेडिकल कालेज में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ अरशद ने कुल 105 मरीजों का परीक्षण किया और आज ही 11 मरीजों का मोतियाबिंद का आपरेशन किया गया। 100 बेड अस्पताल अतरौलिया में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ राजन के नेतृत्व में 52 मरीजों का परीक्षण किया गया। मंडलीय जिला चिकित्सालय में 356 मरीजों की जाँच की गई। फूलपुर में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. कुंदन के नेतृत्व में 56 मरीजों की जाँच एवं उपचार किया गया, तथा सभी जगह निःशुल्क दवाओं का वितरण भी किया गया।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ उमा शरण पाण्डेय ने बताया कि विश्व दृष्टि दिवस मनाये जाने के क्रम में जनपद के सभी प्रभारी अधिकारी एवं समस्त अधीक्षक को निर्देशित किया गया था, जिसके तहत हर पीएचसी एवं सीएचसी पर नेत्र परीक्षण कैम्प आयोजित किया गया, तथा जागरूकता अभियान की तरह नेत्र परीक्षण अधिकारी और नेत्र चिकित्सक द्वारा नेत्र परीक्षण किया गया तथा कैम्प का आयोजन कर जागरूकता फैलाने का कार्य किया गया।ज्यादातर लोगों में पास की नजर या तो दूर की दृष्टि कमजोर होती है या फिर अंधेपन जैसे गंभीर दृष्टि रोग से ग्रसित होते हैं। पूरी दुनिया में अकेला भारत ही एक ऐसा देश है जहां पर 20% से अधिक नेत्रहीन आबादी है। यह दिवस एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है जो अंधेपन और दृष्टिहीन व्यक्ति के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
मंडलीय जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ रजनीश सेठ ने बताया कि आजकल लोगों की दिनचर्या ऐसी हो चुकी है कि उनका पूरा दिन लैपटॉप और फोन पर गुजरता है और ये आंखों के सेहत के लिए सबसे बड़ा खतरा बन रहा है। लैपटॉप और कंप्यूटर पर कार्य करते समय एक घंट के बाद आँखों को पानी से धोकर पांच मिनट का गैप दें, इस दौरान पांच मिनट आखों को बंद करके बैठें। इसके अलावा लैपटॉप पर कार्य करते समय एंटी ग्लेयर चश्मा और स्क्रीनगार्ड का प्रयोग जरुर करें। इससे होने वाली समस्याएं बड़ों में ही नहीं उन बच्चों में भी दिखाई दे रही हैं, जो फोन का बहुत ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। तो अगर आपके आंखों में भी इस तरह की समस्या हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें और उनके बताए गए उपायों का पालन करें। लंबे समय तक स्क्रीन देखते रहने के कारण हम आवश्यकतानुसार पलकें नहीं झपका पाते। यह आंखों की सतह की रक्षा करने वाले आंसुओं की परत को नष्ट करता है और सूखेपन और जलन का कारण बनता है। इसलिए सतर्क रहने की जरुरत है। सदर हीरापट्टी निवासी नौ वर्षीय मोहम्मद साद ने बताया कि मोबाइल ज्यादा देर तक चलाने से हमें सिर में दर्द और आँख की रोशनी में समस्या होने लगी थी, डाक्टर को दिखाया उन्होंने चश्मा पहनने के लिए बोला और उनकी सलाह के अनुसार दवाएं लीं, सभी जाँच व दवा निःशुल्क प्राप्त हुई हैं। शेखपुरवा निवासी 16 वर्षीय सोनू ने बताया की हमारी आँखों में जलन होती थी, यहाँ पांच दिन पहले दिखाया था, दवाएं लीं थीं, अब मुझे काफी आराम है। गोष्ठी में वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ जेपी श्रीवास्तव, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ चौहान, प्रशिक्षण केंद्र के प्रशिक्षक, नर्सिंग स्टाफ, छात्राओं, कर्मचारियों सहित कुल 37 लोग उपस्थित थे।

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