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जग ज्योति दरबार में हुई भगवान शिवजी के नागेश्वर रूप की पूजा

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

जग ज्योति दरबार में विनायक चतुर्थी के उपरांत शुरू हुआ फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पंचमी का अनुष्ठान।

कुरुक्षेत्र, 3 मार्च : जग ज्योति दरबार में सोमवार को फाल्गुन शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी पूजन के उपरांत विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पंचमी का अनुष्ठान प्रारम्भ किया गया। सोमवार को दोपहर बाद शुरू हुआ अनुष्ठान मंगलवार को संतों की मौजूदगी में समाप्त होगा। इस मौके पर महंत राजेंद्र पुरी ने विनायक चतुर्थी पूजन के उपरांत भगवान शिवजी के नागेश्वर रूप की पूजा प्रारम्भ की। उन्होंने बताया कि भगवान शिव की पूजा के दिन सोमवार को भगवान शिवजी के नागेश्वर रूप की पूजा करने का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। महंत राजेंद्र पुरी ने श्रद्धालुओं के साथ प्रारम्भ किए गए अनुष्ठान में भगवान शिवजी के नागेश्वर रूप की पूजा करते हुए भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराकर चंदन, फूल, फल, मिठाई और जल अर्पित किया। इसके बाद ओम नमः शिवाय तथा ओम विष्णवे नमः का जाप किया गया। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि फाल्गुन महीने में तो भगवान शिव की पूजा प्रतिदिन करना बहुत ही शुभ माना गया है। महंत राजेंद्र पुरी ने भी कहा कि हमारे संस्कारों में पूजा व अनुष्ठान में यज्ञ एक विशिष्ट वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा मनुष्य अपने जीवन को सफल बना सकता है। यज्ञ के माध्यम से आध्यात्मिक संपदा की भी प्राप्ति होती है। फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष में चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश जी की पूजा एवं पंचमी पर शिवजी के नागेश्वर रूप की पूजा करने का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। इस अवसर पर कोमल आनंद, भगवान दास आनंद, रुचिका आनंद, डा. कपिल आनंद, संजय, संदीप, अजय राठी, विजय राठी एवं मनप्रीत सिंह इत्यादि भी मौजूद रहे।
महंत राजेंद्र पुरी।

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