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संविधान दिवस की 74वीं वर्षगांठ मनाई गई
भारतीय संविधान में देश की आत्मा निवास करती है
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : सीबीगंज , गतदिवस संविधान दिवस के अवसर पर रविवार के अवकाश होने के बावजूद जिले में सभी कार्यालय व शिक्षण संस्थान खुले रहे। इसके लिए 25 नवम्बर को ही सरकारी फरमान जारी कर दिया गया था। इसके बाबजूद अधिकांश शिक्षक विद्यालयों से नदारद रहे। इसके पीछे एक बजह यह भी रही क्योंकि शनिवार को जब तक फरमान जारी हुआ, तब तक रविवार और सोमवार को अवकाश होने के कारण जनपद के बाहर के शिक्षक अपने-अपने जनपद में छुट्टियों पर चले गए थे। वहीं ज्यादातर अध्यापकों की बीएलओ में ड्यूटी लगी हुई है, शेष अध्यापकों ने भी आपसी सामंजस्य से संविधान दिवस मनाने की रसम अदायगी कर ली।
सीबीगंज इंटर कॉलेज में भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानाचार्य भानु प्रताप सिंह ने बताया कि भारतीय संविधान दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है। संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर के 2 वर्ष 11 माह 18 दिन के अथक प्रयास के बाद दुनिया का सबसे उत्तम संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ। जिसे 26 जनवरी 1950 को देश में लागू किया गया।
प्रधानाचार्य भानु प्रताप सिंह ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा तथा समस्त उपस्थित स्टाफ को भारतीय संविधान के प्रति दृढ़ संकल्पित होकर आत्मसात करने की प्रतिज्ञा दिलाई। इस अवसर पर विद्यालय स्टाफ के साथ ही बूथ लेबल ऑफिसर और उनके सुपरवाइजर भी उपस्थित रहे।
आपको बताते चले कि 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने हमारे देश को संविधान दिया था, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। भारतीय संविधान को अंगीकार किये जाने की 74वीं वर्षगांठ पर केन्द्र सरकार द्वारा 26 नवम्बर, 2023 को ’’संविधान दिवस’’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। 74वीं वर्षगांठ पर आयोजित होेने वाले आयोजन का मुख्य बिन्दु भारतीय संविधान में समाहित ’’मौलिक कर्तव्य’’है। वहीं संविधान की प्रस्तावना में ’’भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्त समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प लेते हैं’ का पाठ कराया जाता है। इस प्रस्तावना से यह पता चलता है कि 26 नवम्बर का दिन भारत के लिए बहुत खास दिन है, ये अलग बात है कि इस दिन को लोग इतनी तबज्जो नही देते जितनी दी जानी चाहिए, ये तारीख अंबेडकर वादियों के लिए किसी त्यौहार से कम नही है, और होना भी चाहिए सही मायने में तो देश के हर नागरिक को इस अवसर को त्यौहार के रूप में ही मनाना चाहिए। क्योंकि भारत का संविधान देश के सभी नागरिकों को सम्मान, अधिकार, भविष्य बनाने का अधिकार देता है। वहीं भारतीय संविधान में देश की आत्मा निवास करती है।