वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया तीसरी शक्ति मां चंद्रघंटा परम शांतिदायक और कल्याणकारी है।
कुरुक्षेत्र, 11 अप्रैल : चैत्र नवरात्रों के चलते श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में बारह ज्योतिर्लिंगों पर अनुष्ठान के बाद लाई गई मां भगवती की अखंड ज्योति पर अखंड पूजन चल रहा है। मां भगवती की अखंड ज्योति के दर्शनों के लिए दूर दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। अखिल भारतीय मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि मां दुर्गा का तीसरा शक्ति स्वरूप चंद्रघंटा परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। नवरात्रों में तीसरे दिन इसी देवी की पूजा का महत्व है। महंत जगन्नाथ पुरी ने दुर्गा सप्तशती के पाठ में बताया कि मां चंद्रघंटा मां पार्वती का सुहागिन स्वरुप है, इस स्वरुप में मां के मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्रमा सुशोभित है। इसीलिए इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। मां चंद्रघंटा की आराधना करने वालों का अहंकार नष्ट होता है और उनको असीम शांति और वैभवता की प्राप्ति होती है। मां चंद्रघंटा के ध्यान मंत्र, स्तोत्र एवं कवच पाठ से साधक का मणिपुर चक्र जागृत होता है, जिससे साधक को सांसारिक कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि नवरात्र के नौ दिनों में यज्ञ और हवन का सिलसिला चलता रहता है। ये यज्ञ संसार में दुख और दर्द के हर तरह के प्रभाव को दूर कर देते हैं। इस अवसर पर स्वामी पृथ्वी पुरी, स्वामी संतोषानंद, सुक्खा सिंह, बिल्लू पुजारी, दर्शन, मंजीत कौर, सुखवंत कौर सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे।
नवरात्र अवसर पर पूजन करते हुए महंत जगन्नाथ पुरी।