रिपोर्ट पदमाकर पाठक
त्रिशरण बुद्ध बिहार में 2585वीं बुद्ध जयंती समारोह हुआ संपन्न।
आजमगढ़। जिले के हरबंशपुर स्थित त्रिशरण बुद्ध बिहार में 2585वीं त्रिविध पावनी बुद्ध जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान बौद्ध धर्म के अनुयायियो ने महात्मा बुद्ध के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन व पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम मंे मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने पहुंचे भिक्षु राहुल व अन्य लोगो ने महात्मा बुद्ध की जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बुद्ध शब्द एक टाइटल है जिसका अर्थ है वह जो जगा हुआ है यानी जिसे वास्तविकता का ज्ञान हो गया हो। बुद्ध का जन्म लगभग 2,500 साल पहले नेपाल में सिद्धार्थ गौतम के रूप में हुआ था। वे एक साधारण मनुष्य के रूप में जन्में और जीवन के सत्य को खोजने में महात्मा बुद्ध बनकर उभरे। महात्मा बुद्ध जब सिद्धार्थ के रूप में जन्में तब उन्हें मृत्यु और कष्ट जैसे शब्दों का अर्थ नहीं पता था क्योंकि वे राजमहल में रहते थे और उनके पास सारी सुख-सुविधाएं थी, लेकिन जब वे भ्रमण पर गए तो उन्हें एक बीमार व्यक्ति और एक मरा हुआ व्यक्ति दिखा। यही दो कारण थे जिसने उन्हें जीवन के सत्य को जानने के लिए मजबूर कर दिया। आज उनके बताये हुए रास्ते पर चलकर ही हम मानवता की रक्षा करने के साथ ही लोगो को सत्य व अहिंसा की शिक्षा प्राप्त कर सकते है। इस दौरान कार्यक्रम में शिव प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद, सहदेव प्रधान, सीता देवी, रमावती देवी, श्याम लाल, लालचन्द्र सहित अन्य अनुयायी उपस्थित रहे।