हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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लड़का/लड़की के माता पिता रिश्ते की बात करते समय अपने उच्च पद पर आसीन रिश्तेदारों का ब्योरा बता कर अपनी ओछी मानसिकता का परिचय भी खुद ही दे बैठते है।
चंडीगढ़ : आजकल माता पिता को अपने बच्चों का रिश्ता तय करना भी अत्यंत कठिन कार्य होता नजर आ रहा है।
जबकि आज के जमाने में लड़का / लड़की मात्र अपने बराबर की शिक्षा और कद काठी ही देखता है और अब बुद्धिमान बच्चे शिक्षा को महत्व देते है। दहेज प्रथा का युग अब समाप्त हो चुका है। शिक्षा ही दहेज है।
अब माता पिता रिश्ते की बात करते समय अपने उच्च पद पर आसीन रिश्तेदारों का भी जिक्र कर देते है यह उनकी ओछी मानसिकता ही है जबकि आज के समय कोन किसका रिश्तेदार कसके काम आता है सब गलतफेमी भ्रम के शिकार है।
समय बदल चुका है बच्चो के रिश्तों में और खासतौर पर लड़कियों के रिश्तों में माता पिता को देरी नही करनी चाहिए। ठीक समय पर शादी कर देना चाहिए। इसी में सब का हित है उत्तर भारत के एक प्रसिद्ध ज्योतिषी एवं अनुसंधान केंद्र के संचालक धर्मचंद रुद्री उपासक ने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया की एक पिता ने अपनी पुत्री उच्च शिक्षा के लिए विदेश अपने बहुत नजदीक के रिश्तेदार के पास भेज दिया था जो उसका भाई लगता है और जब पिता के पास लड़के वाले रिश्ते के लिए आते तो पिता देरी करता रहा आखिर हुआ की भाई ने ही बहन से शादी कर ली और कई महीने इकठ्ठे रहने के बाद डिस्प्यूट भी हो गया।
अब अलग भी रह रहे और ठप्पा भी लग गया।
और अब बात करते है मैरिज ब्यूरो वालो की तो कुछ मैरिज ब्यूरो वाले तो ऐसे भी है दूसरे राज्यों के जो लड़का लड़की को नकली दिखा देते है और फर्जी माता पिता से बात भी करवा देते है बस रिश्ता करवाने के एवज में पैसा वसूल कर गायब हो जाते है इस कलयुग में बच्चों और माता पिता की भावनाओ के साथ चंद पैसों के लिए खेल जाते है।
एक अच्छे माता पिता को लड़का या लड़की को देखना चाहिए उसकी शिक्षा कद काठी और जो महत्वपूर्ण है बच्चो की जन्मकुंडली उसको देखना चाहिए ना की माता पिता और रिश्तेदार कोन से पद पर आसीन है। इसी भ्रम में रिश्तों के अंदर देरी हो जाती है और कइयों के साथ कोई अनहोनी भी।