स्वास्थ्य केन्द्रों पर मना खुशहाल परिवार दिवस
स्वस्थ परिवार के लिए बच्चों में अवश्य बनायें अंतर
आजमगढ़, 21 जुलाई 2022
मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर में कमी लाने में परिवार नियोजन सेवाओं की एक अहम भूमिका होती है। इसी उद्देश्य से जिले में प्रत्येक माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है| इस कार्यक्रम में दंपति की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है।
यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी का|
डॉ तिवारी ने वताया कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तीन वर्ग के दंपति प्रेरित किया जाता है| पहले में हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) वाली महिलाएं होती हैं, दूसरे में नव-विवाहित दंपति और तीसरे वर्ग में योग्य दंपति को शामिल किया जाता है| नवदंपति में पहले और दूसरे बच्चे तीन साल के अंतर व अन्य दंपति को स्वस्थ परिवार ,खुशहाल के लिए छोटा परिवार के प्रति जागरूक व परिवार नियोजन साधन को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है|
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/नोडल अधिकारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि इस दिवस पर महिलाओं को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करना तथा उन्हें इसका महत्व समझाया जाता है| स्वस्थ परिवार के लिए बच्चों में अंतर, दो बच्चों के बाद महिला व पुरुष का नसबंदी जैसे साधनों का प्रयोग कर स्वस्थ व खुशहाल परिवार बन सकते हैं| गर्भावस्था, प्रसव के समय व प्रसव के पश्चात स्वास्थ्य के लिए यह समय अधिक महत्त्वपूर्ण होती है| इस दौरान प्रसूता की देखभाल के साथ ही पौष्टिक आहार व साफ–सफाई पर भी ध्यान देने के लिए जागरूक किया जाता है| स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरु किया गए इस कार्यक्रम में महिलाओं को परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थाई साधनों को पूरी जानकारी दी जाती है|
यूपीटीएसयू के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि जिले में आज महिलाओं के लिए गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा 57, पीपीआईयूसीडी 38 ,छाया 2040 माला 1944,कंडोम 10340, महिला नसबंदी 11 के साथ कंडोम वितरण किया गया| यह सभी सेवाएँ नि:शुल्क उपलब्ध करायी गयीं| परिवार नियोजन सम्बन्धी जागरूकता लाने और आयोजन में दंपति की भागीदारी बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी इकाइयों पर प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा सभी सुविधायें उपलब्ध करायी गयीं | खुशहाल परिवार दिवस में शामिल होने के लिए तीन समूहों को प्रोत्साहित किया जाता है| पहले समूह में हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) वाली महिलाएं होती हैं | दूसरे समूह में नव-विवाहित दंपति और तीसरे समूह में तीन या उससे अधिक बच्चों वाले योग्य दंपति को शामिल किया जाता है। तथा उन्हें परिवार नियोजन के बारे में जानकारी देना और उनकी इच्छा के मुताबिक जरूरी नि:शुल्क साधन उपलब्ध कराया जाता हैं| जनसंख्या एवं मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर में नियंत्रण पाने के लिए जच्चा एवं बच्चा के स्वस्थ जीवन के लिए परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने के साथ महिलाओं को इसके लिए प्रेरित भी किया जा रहा है |
सीएचसी रानी कि सराय से 25 वर्षीय प्रियंका ने बताया कि मुझे एक बच्चा है, आशा दीदी के साथ यहाँ आई परिवार नियोजन के साधन को अपनायी,मुझे कोई दिक्कत नहीं है। महिला डॉक्टर द्वारा सारी जानकारी के साथ सुविधा भी दी गई| डॉक्टर ने कहा अगर कोई दिक्कत हो फिर से संपर्क करें|28 वर्षीय अनीता ने कहा कि मेरी दो बच्ची है घर की स्थिति ठीक नहीं है। मैंने अपने पति से बात कर परिवार नियोजन की सुविधा अपनाने के लिए यहाँ आई हूँ| अस्पताल से सारी सुविधायें निःशुल्क मिली हैं|