आरबीएसके की डॉ पुष्पा के प्रयास से
रिजवाना को मिली नई जिंदगी
• आरबीएसके के सहयोग से रिजवाना परवीन के कटे होंठ और तालू का हुआ सफल आपरेशन
आजमगढ़,22 जुलाई 2022
मजबूत राष्ट्र निर्माण के उद्देश्य से बच्चों को स्वस्थ व बीमारी रहित रखने हेतु भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य बीमारी को प्रारंभिक अवस्था में चिन्हित कर समुचित उपचार उपलब्ध कराना है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई प्रसाद ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत 4-डी जैसे जन्मजात दोष/ विकार, अभाव (कमियां), बीमारी और दिव्यांगता सहित विकास में देरी जैसी बच्चों में पायी जानी कमियों को चिन्हित कर निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। वार्षिक दर पर देश में जन्म लेने वाले 100 बच्चों में से छः से सात फीसदी बच्चे जन्म विकार संबंधी समस्या से ग्रस्त होते हैं।राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के मैनेजर डॉ आरिफ जमाल ने बताया कि जनपद स्तर पर नेत्र रोग, दंत रोग, चर्म रोग, नाक, कान, गला रोग, अस्थि रोग, कुपोषण, कटे होंठ व तालू, मुड़े हुए पैर के पंजे आदि का इलाज सुचारू रूप से चल रहा है। मंडलीय चिकित्सा स्थित पोषण पुर्नवास केंद्र व मिरेकल फीट क्लीनिक के सहयोग ने नया आयाम दिया है जबकि स्माईल ट्रेन से इलाज संबद्धता ने सैकड़ो बच्चों व उनके परिजनों को मुस्कान दी है।तरवां ब्लाक के आरबीएसके टीम की मेडिकल आफीसर डॉ पुष्पा ने बताया कि मार्च माह में 2494 बच्चों, अप्रैल में 1841 बच्चों तथा मई माह में 2181 बच्चों की जाँच की गई थी, जिसमें से 177 बच्चों का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर किया गया था। 191 बच्चों को रेफर किया गया तथा 15 बच्चों का इलाज मंडलीय जिला चिकित्सालय में हुआ था। जिसमें एक बच्ची रिजवाना कटे होंठ और तालू की थी।इस क्रम में आरबीएसके की टीम ने तंरवा ब्लॉक के अंतर्गत आँगनबाड़ी केंद्र अबाशपुर मुडेहरी मं सात मई को स्वास्थ्य परीक्षण किया था। मुडेहरी निवासी वसीम अंसारी ने बताया कि स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान हमारी तीन वर्षीय पुत्री रिजवाना परवीन की भी जांच हुई थी। जांच के बाद टीम के डॉ ने बताया कि रिजवाना की बीमारी सिर्फ आपरेशन से ही ठीक हो सकती है। रिजवाना परवीन के पिता वसीम अंसारी ने बताया कि रिजवाना का जन्म 31 मार्च सन 2019 को कलकत्ता में हुआ था। वहाँ रिजवाना के मामा का घर है। जन्म के बाद रिजवाना की स्थिति को देखकर पिता वसीम अंसारी सहित पूरा परिवार गम में डूबा हुआ था। कलकत्ता के डॉ ने आपरेशन की सलाह दी थी और कहा कि बच्ची जब डेढ़ वर्ष कि हो जाये तो आपरेशन करा लीजियेगा। रिजवाना को लेकर पूरा परिवार बहुत चिन्तित रहता था। यह एक हफ्ते तक आईसीयू में भी भर्ती थी। अत्यंत कमजोर और दूध ना पी पाने के कारण इसके बचने की संभावना ना के बराबर थी। अस्पताल में उसे नली से दूध पिलाया जाता था। कुछ दिन बाद स्थिति ठीक होने पर रिजवाना की अस्पताल से छुट्टी हो गई। अब वह धीरे-धीरे चम्मच से दूध पीने लगी थी। तीन महीने बाद रिजवाना कलकत्ता से अपने गाँव अबाशपुर मुडेहरी, आजमगढ़ आ गई। आरबीएस की टीम के द्वारा रिजवाना के परिवार वालों को आरबीएसके टीम की डॉ पुष्पा के बारे में पता चला। फिर रिजवाना के घर वालों ने डॉ पुष्पा से संपर्क किया। डॉ. पुष्पा ने परिवार वालों से सारी औपचारिकताएं पूरी कराते हुए रिजवाना का पहले होंठ का आपरेशन स्माइल ट्रेन परियोजना के अंतर्गत सदरुद्दीन मेमोरियल हॉस्पिटल आजमगढ़ में कराया। फिर तालू का आपरेशन 25 मई को हेरिटेज हॉस्पिटल, वाराणसी में हुआ। डॉ पुष्पा के सहयोग से रिजवाना का सफल आपरेशन हुआ। आज रिजवाना पूरी तरह से स्वस्थ है।