धान में बढ़नी घास का खोजा समाधान- डॉ विनोद कुमार
,, जलालाबाद कन्नौज से संवाददाता मतीउल्लाह
आज धान की फसल पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन मॉडल गांव बदलेपुरवा में किया गया। कार्यक्रम के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी के सश्य वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार ने बताया कि धान में आज कल बढ़नी घास जिसे लैपचलोआ चाइनेंसेस के नाम से जाना जाता है, बहुत ज्यादा फैल रही है। इसके पौधे धान के पौधे की तरह ही होते हैं। इस कारण इसे शुरुआत ने पहचानना मुश्किल होता है मगर फसल पकने पर इसकी बालियां धान के मुख्य पौधों से काफी बड़ी हो जाती हैं। यदि इस घास का निदान न किया जाए तो 30 से 80 प्रतिशत तक धान की उत्पादकता कम हो जाती है। इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए सश्य वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार ने फेनिक्सीप्रॉप इथाइल की 100 मिलीलीटर मात्रा प्रति बीघा की दर से रोपाई के 25 से 30 दिन बाद छिड़काव कर परीक्षण लगाए और परिणाम चमत्कारी पाए। इस दवा से बढ़नी घास का सम्पूर्ण निदान संभव हुआ है। इसके परिणामों को देख उपस्थित श्री राम नारायण, श्री श्याम नारायण, श्री आशीष कुमार आदि दर्जन से ज्यादा किसानों ने सश्य वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार का साधुवाद ज्ञापित कर अपनी धान को बढ़नी घास से बचाने का संकल्प लिया।