दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से साध्वी सुश्री गौरी भारती जी ने अपने प्रवचनों ने भगत ध्रुव की बालक अवस्था का किया बखान
फिरोजपुर 06 नंबर {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}:=
अमर सिंह चंदेल के परिवार की ओर से मियां बांदला,बिलासपुर हिमाचल प्रदेश में 4 से 10 नवम्बर तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है। जिसमें दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान से पधारी श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या भागवत भास्कर साध्वी सुश्री गौरी भारती जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि भगत ध्रुव की बालक अवस्था है। लेकिन वह प्रभु से मिलने की उत्कंठा लिए वन में जाकर तपस्या करनी शुरू कर देता है।जहां पर उसकी भेंट नारद से होती है जो उसको ब्रह्म ज्ञान प्रदान कर उसके घट के भीतर ही ईश्वर के प्रत्यक्ष दर्शन करवा देते हैं। आज मानव भी प्रभु से मिलने के लिए तत्पर है लेकिन उसके पास प्रभु प्राप्ति का कोई भी साधन नहीं है। हमारे समस्त वेद शास्त्रों व धार्मिक ग्रंथों में यही लिखा है कि ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति के लिए पूर्ण गुरु की शरणागति होना पड़ता है।उन्होंने कहा कि जब भी एक जीव परमात्मा की खोज में निकलता है तो वह सीधा परमात्मा को प्राप्त नहीं कर पाता। सुश्री साध्वी गौरी भारती ने कहा अगर परमात्मा को जानना है तो नारद जैसा ही मार्गदर्शक चाहिए।कबीर जी को प्रकाशित करने वाले सूर्य रूपी गुरु रामानंद जी हैं, नरेंद्र को विवेकानंद बनाने वाले श्रेष्ठ गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी थे।अतः गुरु के बिना हम भी उस परमात्मा तक कदापि नहीं पहुंच सकते।गुरु संसार सागर से पार उतारने वाले हैं उनका दिया हुआ ज्ञान नौका के समान बताया गया है मनुष्य ज्ञान को पाकर भवसागर से पार हो जाता है। कथा में साध्वी शुभानन्दा भारती,साध्वी शरण भारती व साध्वी दीपाली भारती जी ने सुमधुर भजनों का गायन किया। संस्थान की ओर से पधारे स्वामी धीरानंद जी ने संगत को शत प्रतिशत मतदान करने के लिए प्रेरित किया। कथा के बाद सभी के लिए भंडारे का आयोजन भी किया गया।