जयराम विद्यापीठ में ज्येष्ठ महीने के बड़े मंगलवार की हुई विशेष पूजा अर्चना।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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विद्यापीठ में सर्वकल्याण की कामना से की गई भगवान श्री राम भक्त वीर हनुमान की पूजा।
कुरुक्षेत्र, 9 मई : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से पूरा वर्ष हर अनुष्ठान एवं कार्यक्रम भगवान श्री राम भक्त वीर हनुमान का आहवान कर ही किया जाता है। ज्येष्ठ महीने में हर वर्ष प्रत्येक मंगलवार के दिन हनुमत भक्तों द्वारा पूरे श्रद्धा भाव से महावीर बजरंग बली की विशेष पूजा की जाती है।
ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाले बड़े मंगलवार को आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री द्वारा ब्रह्मचारियों एवं विद्वान ब्राह्मणों के साथ मुख्य मंदिर में सर्वकल्याण की कामना से विशेष पूजा की गई। यह पूजा यजमान के तौर पर चौ. धर्मवीर सिंह, अंजू, तृषा, सनाया, भाविक, शुभम व कविता द्वारा बड़े भक्तिभाव से सम्पन्न करवाई गई।
आचार्य लेखवार ने बताया कि 9 मई को ज्येष्ठ महीने की पहली बड़े मंगलवार की पूजा हुई है। वहीं आखिरी और चौथे बड़े मंगलवार की 30 मई को पूजा होगी। उन्होंने बताया कि ज्येष्ठ महीने में मंगलवार की पूजा का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। संकटमोचन भगवान हनुमान को समर्पित होने की वजह से यह दिन पूजा अर्चना के लिए बेहद उत्तम माना गया है।
आचार्य लेखवार ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि महाभारत काल में पांडवों ने सरिस्का के जंगलों में अज्ञातवास बिताया। महाबली भीम को अपने बल का घमंड हो गया था। इसे भंग करने के लिए बजरंग बली प्रकट हुए। एक दिन जब भीम द्रौपदी के लिए दिव्य पुष्प लेने जंगल से गुजर रहे थे तो राह में वृद्ध वानर पूंछ फैलाये वहां लेटा मिला। भीम ने दंभ भरे लहजे में पूंछ हटाने को कहा। वानर ने कहा खुद ही हटा लो और चले जाओ। गुस्साए भीम ने पूरी ताकत लगा दी लेकिन पूंछ हिला तक न सके। तुरंत ही भीम को गलती का एहसास हो गया। यह वानर हनुमान जी थे। भीम ने क्षमा मांग ली। विद्यापीठ में बड़े मंगलवार की पूजा में के. के. कौशिक, टेक सिंह लौहार माजरा, कुलवंत सैनी, राजेश सिंगला, सतबीर कौशिक व रोहित कौशिक इत्यादि भी मौजूद रहे।
जयराम विद्यापीठ में बड़े मंगलवार की पूजा करते हुए श्रद्धालु।