केयू के यूआईईटी संस्थान को मिला 25 लाख का शोध प्रोजेक्ट, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने दी बधाई।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र 10 मई : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के यूआईईटी संस्थान को बधाई देते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि विश्वविद्यालय के शोध क्षेत्र का दायरा विकसित हो रहा है क्योंकि विश्वविद्यालय शोध क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को डीएसटी की एसईआरबी एजेंसी द्वारा स्वास्थ क्षेत्र शोध को तकनीकी से बढ़ावा देने के लिए 25 लाख रुपये की ग्रांट मिली है जो कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने भी यूआईईटी संस्थान को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन इंजीनियरिंग एवं टैक्नोलॉजी और यूआईईटी संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर सुनील ढींगरा ने बताया कि कुलपति प्रो. सोमनाथ के कुशल नेतृत्व में डीएसटी की एस ई आर बी एजेंसी द्वारा स्वास्थ क्षेत्र शोध को तकनीकी से बढ़ावा देने के लिए 25 लाख रुपये की ग्रांट मिली है। प्रो. ढींगरा ने बताया कि संस्थान के शिक्षक और विद्यार्थी निरंतर इस कड़ी में निष्ठा से बेहतर प्रयास कर रहे हैं जिनका परिणाम हमें संबंधित क्षेत्र में विश्व स्तर के वैज्ञानिको और तकनीकी विशेषज्ञों से मिल रहा है !
प्रोफ़ेसर ढींगरा ने बताया कि कोविड-19 जैसी ख़तरनाक बीमारियों से निपटने के लिए भारत सरकार तकनीकी के माध्यम से इंटेलीजेंट सिस्टम को स्थापित करना चाहती है जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में तत्काल और सुदृढ़ जानकारी हासिल हो सके। इस इंटेलीजेंट सिस्टम को स्थापित करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रपोज़ल माँगे गए जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग से डॉ. रीटा देवी को स्वास्थ्य क्षेत्र में एक्सरे, ईसीजी एम आर आई इत्यादि में इमेज इन्हांसमेंट प्रोसेसिंग तकनीक प्रोजेक्ट को भी यह ग्रांट मिली है।
इस प्रोजेक्ट की सयोजिका डॉ. रीटा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में उनके साथ सह-संयोजक प्रो. नोर असीदी साइंस विश्वविद्यालय मलेशिया और इंडोनेशिया विश्वविद्यालय से एक प्रोफेसर हैं। प्रो. नोर असिदी का यूआईईटी संस्थान में प्रो ढींगरा ने स्वागत किया। प्रो. नोर असिदी ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में यह तकनीक काफ़ी पूरे विश्व में बड़ी कारगर सिद्ध होगी जिसके माध्यम से विश्व स्तर पर डॉ रीटा देवी के मार्गदर्शन में इस क्षेत्र में हमें कार्य करने का अवसर मिलेगा।