सनातन धर्म की रक्षा और संस्कृति का प्रचार करना संतों का उद्देश्य : महंत राजेंद्र पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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जग ज्योति दरबार में निरंतर चल रही है 41 दिवसीय पंच धूणी अग्नि तपस्या।
कुरुक्षेत्र, 12 मई : तीर्थों की संगम स्थली धर्मनगरी के जग ज्योति दरबार में 41 दिवसीय पंच धूणी अग्नि तपस्या चल रही है। अग्नि तपस्या कर रहे महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि उनकी तपस्या तभी सार्थक है जब समाज एवं धर्म प्रेमी सही दिशा में चलें।
उन्होंने समाज को जगाने और सनातन धर्म का प्रचार करते हुए कहा कि देश दुनिया में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करना, हिंदुत्व के प्रति बढ़ते खतरों से लोगों को सावधान करना और अपनी संस्कृति से भटके लोगों को सही मार्ग पर लाना ही संत महापुरुषों का उद्देश्य है।
महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि सनातन धर्म के अनुसार हर दिन पूजा पाठ को समर्पित है। प्रत्येक महीने में त्यौहार, व्रत और उत्सव आते रहते हैं। हिंदू धर्म में प्रत्येक त्यौहार और उत्सवों को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने मातृ दिवस के अवसर पर कहा कि हमारे समाज में हर दिन मां के सम्मान का है और मां के लिए भी औलाद ही सबसे बड़ी ताकत है। भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों में तो हर दिन ही मातृ दिवस है। महंत राजेंद्र पुरी ने इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण जन्म उत्सव प्रसंग की भी चर्चा की।
जग ज्योति दरबार में अग्नि तपस्या में दर्शन एवं आशीर्वाद के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। भगवन मामू जी जिनकी पूजा महंत राजेंद्र पुरी भगवान श्री कृष्ण रूप में करते है के बारे बताया जो श्रद्धालु यहां सच्चे दिल से मन्नत मांगते हैं, पूरी होती है।
नन्हे बच्चों को गोद में लिए हुए महंत राजेंद्र पुरी तथा अग्नि तपस्या करते महंत राजेंद्र पुरी व श्रद्धालु।