कृषि मंत्री जे.पी. दलाल ने की श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी से मुलाकात।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कृषि मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा संत महापुरुष समाज को दे रहे हैं संस्कृति एवं संस्कारों की शिक्षा।
कुरुक्षेत्र, 15 मई : देश के विभिन्न राज्यों में भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों की रक्षा के साथ योग, अध्यात्म, गौ संरक्षण, संस्कृत शिक्षा, नारी शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेकों श्री जयराम संस्थाओं का संचालन कर रहे परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की एक विशेष मुलाकात हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल से हुई।
श्री जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने बताया कि इस मौके पर कृषि मंत्री जे.पी. दलाल ने ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी से आर्शीवाद लेने के उपरांत समाज के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की। ब्रह्मचारी ने कहा कि समाज की स्थिति को देखते हुए देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को सहेजने के लिए युवाओं को अच्छे संस्कार दिए जाने की आवश्यकता है। युवा पीढ़ी को भी संतों और महापुरुषों के आदर्शों, जीवन मूल्यों का अनुसरण करना होगा। ब्रह्मचारी ने कहा कि कुरुक्षेत्र तो वह भूमि है जिस पर स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने अपने मुखारविंद से गीता का संदेश दिया।
कृषि मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा कि जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी विशेषकर विभिन्न राज्यों के ग्रामीण आंचल में शिक्षा संस्थानों का संचालन कर समाज और विशेषकर युवाओं राष्ट्र निर्माण एवं नई दिशा देने का कार्य कर रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने कृषि व्यवस्था पर भी चर्चा की और किसानों को उनकी आय बढ़ाने के लिए परंपरागत खेती छोड़ने की सलाह दी है। कृषि मंत्री ने कहा कि कहा कि किसान परंपरागत खेती करने की बजाय सब्जी, फल, फूल, बागवानी उत्पादन, पशुपालन व मछली पालन जैसे व्यवसाय को अपनाएं, ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सकें। उन्होंने कहा कि हरियाणा के कई प्रगतिशील किसान जैविक खेती के साथ अपनी अलग पहचान बना रहे हैं।
हरियाणा के कृषि मंत्री जे.पी. दलाल से मुलाकात करते हुए श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी।