सभी देशवासियों को देश एवं राष्ट्रहित को समझना चाहिए : महंत राजेंद्र पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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लोकहित कार्य करना, धर्म की रक्षा करना, हिंदुत्व और सनातन के काम आना ही जीवन का लक्ष्य : महंत राजेंद्र पुरी।
कुरुक्षेत्र, 17 मई : गर्मी अपने चरम पर पहुंच रही है और 42 डिग्री तापमान के करीब पहुंचने पर भी जग ज्योति दरबार में 41 दिवसीय पंच धूणी अग्नि तपस्या निरंतर चल रही है। तपस्या कर रहे जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पूरी ने सत्संग में बताया कि बिना शारीरिक कष्ट के भगवान को पाना आसान नहीं है। मेरी इस तपस्या करने का फल परमात्मा में आस्था रखने वाले हर श्रद्धालु एवं परिवार को मिले।
उन्होंने बताया कि वे पिछले दो दशक से भीषण गर्मी के मौसम में केवल राष्ट्रहित एवं सर्वकल्याण की भावना से अग्नि तपस्या करते हैं। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि देश के प्रति आस्था रखने, अपने धर्म और सनातन धर्म को मानने वाले सभी भक्तजनों में अगर हिंदुत्व की भावना जगा पाया तो खुद को सौभाग्यशाली समझूंगा।
महंत राजेंद्र पुरी ने कहा हिंदू के लिए हर दिन त्यौहार जैसा है। इसलिए नित्य उठकर स्नान आदि के पश्चात अपने जीवन में से थोड़ा समय भगवान को जरूर दें। पूजा अर्चना के बाद माथे पर तिलक लगाकर अपनी दिनचर्या शुरू करें।
महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि भगवान शिव ही आदि और अंत हैं। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की अपने सच्चे भक्तों पर असीम कृपा प्राप्त होती है। उन्होंने सभी से नम्र अपील करते हुए कहा कि सभी देशवासियों को देश एवं राष्ट्रहित को समझना चाहिए। जिस इंसान की देश और धर्म के प्रति आस्था नहीं उसका सब कुछ गया समझना चाहिए। भले ही इंसान कितना पैसा, यश, गाड़ी, नाम कमा ले परंतु अगर धर्म और राष्ट्रीयता से भटक गया तो सब कुछ गया। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा मेरा जीवन लोकहित में समर्पित है और इस जीवन में लोगों का भला करना, अपने धर्म की रक्षा करना, आमजन के काम आना यही लक्ष्य है। लोगों की भलाई के उन के जीवन को कष्ट मुक्त बनाने के लिए धर्म की राह या राजनीति की राह जहां जैसे हो सकेगा जग ज्योति दरबार और महंत राजेंदरपुरी हमेशा तैयार रहेगा।
अग्नि तपस्या करते हुए महंत राजेंद्र पुरी।