आत्म विश्वास की भाँति बारिश में खड़े रहने का साहस देता है छाता : सुखबीर।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : आत्म विश्वास भले ही सफलता न दिलाए लेकिन हमे जीवन में किसी भी चुनौती का सामना करने की शक्ति देता है, उसी प्रकार छाता बारिश को रोक नहीं सकता लेकिन बारिश में हमे खड़ा कर सकता है।
इसी विचारधारा के मद्देनज़र श्रीमद्भगवद्गीता प्राथमिक विद्यालय बालघर में आज छाता दिवस मनाया गया जिसमें कक्षा अरुण से पंचम कक्षा के सभी विद्यार्थियों की सहभागिता रही। सभी विद्यार्थी रंग बिरंगे वेश में रंग बिरंगे छाते के साथ उपस्थित रहे और पानी की रिमझिम बूँदों की बारिश में छाते का आनंद लिया । इस अवसर पर बच्चों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि छतरियां लगभग 4 शताब्दियों से चली आ रही हैं और आज भी चल रही हैं । छाता दुनिया में सब आविष्कारों में से एक है जो हमें बारिश में सूखा रखता है और धूप से बचाता है और इसे फैशन स्टेटमेंट के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। विद्यालय प्रधानाचार्य सुखबीर जी द्वारा बच्चों को छाते का महत्व बताया गया कि हमारा मन एक छतरी की तरह होता है, जब धूप और बारिश से बचने के लिए छतरी खोली जाती है तो यह सबसे उपयोगी होता है , लेकिन वह बाद में हमारी व्यक्तिगत शैली को व्यक्त करने के तरीके के रूप में भी देखी जाती है। जब आप बारिश में भीगते हैं या धूप में तपते हैं तो छाता आत्मा के लिए खुशी लाता है।उन्होंने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए बताया कि छाता दिवस, छाता और उनके द्वारा हमारे जीवन में लाए जाने वाले आनंद का उत्सव मनाने का दिन है।