बच्चों को केवल अक्षर ज्ञान नहीं संस्कार और भारतीयता की भावना भी चाहिए : डा. जय भगवान सिंगला।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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समर्थ भारत केंद्र के बच्चों के बीच रह कर डा. जय भगवान सिंगला ने की चर्चा।
कुरुक्षेत्र, 29 मई : कुरुक्षेत्र की धरती पर कोई बच्चा पढ़ाई वंचित न रहे और बच्चे शिक्षा में सही मार्गदर्शन से देश के अच्छे नागरिक बनें। जीवन में उन्नति कर सर्वोच्च पदों पर पहुंचें। इसी भावना से प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक एवं प्रेरणा संस्कार केंद्र के संचालक डा. जय भगवान सिंगला कार्य कर रहे हैं।
कुरुक्षेत्र के ग्रामीण एवं स्लम एरिया में शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षित करने के लिए समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से समर्थ भारत अभियान के अंतर्गत कार्य किया जा रहा है। समर्थ भारत केंद्र में डा. जय भगवान सिंगला ने चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों को केवल अक्षर ज्ञान नहीं संस्कार और भारतीयता की भावना भी चाहिए। इसी उद्देश्य को लेकर उनका अभियान जारी है।
जो बच्चे परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण पढ़ाई से वंचित रहते हैं उनके लिए प्रेरणा का सहयोग हमेशा रहता है। आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के बच्चे भी समाज के अन्य परिवारों के बच्चों की भांति बचपन का आनंद लें और मनोरंजन करें। इन बच्चों के जीवन में खुशियां भरने की प्रेरणा भी प्रेरणा संस्था का कार्य है। अब समाज के अभावग्रस्त एवं गरीब परिवारों के बच्चे भी अपने बचपन का आनंद ले यही डा. सिंगला के जीवन का मकसद है। डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि उन की कल्पना साकार हुई है। अब संस्कार केंद्र के बच्चे अपने बचपन का आनंद ले कर जीवन में उन्नति करेंगे। देश के भविष्य को पढ़ाई में बेसहारा नहीं छोड़ा जा सकता है।
बच्चों के लिए रखे खिलौने एवं बच्चों के साथ प्रेरणा के सदस्य।