सनातन धर्म जोड़ता है तोड़ता नहीं-धर्म प्रचारक सचिन नारंग
सनातन धर्म परोपकारता का धर्म जप, तप, सिमरण, ध्यान, दान, दया ही इसके मुख्य लक्षण
फ़िरोज़पुर 30 मई [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]:-
श्री सचिन नारंग अमृतवेला प्रभात सोसायटी के संस्थापक लिखते हैं कि सनातन अर्थ शाश्वत सदा रहने वाला सनातन का न आदि है न अन्त है सभी पंथ, व पंथों के महापुरषो का यही जन्मदाता है। सनातन आर्य हिन्दू धर्म एक जीवन जीने की कला है। जिसका गुड़ रहस्य हज़ारों वर्षों पूर्व सन्त ऋषि महर्षि महात्मा गहन तपस्या कर ख़ोज कर सभी वैद,शास्त्रों,उपनिषद, पुराणों मे बताते आएं है इन्ही के मार्गदर्शन मनन पठन कर मनुष्य जीवन के गहरे रहस्य को सरलता से जान मान, अपने जीवन मे उतार अपना उध्धार कर परम् धाम को प्राप्त होता है। सनातन सभी का सम्मान करना सिखाता है,प्रतेक जीव की रक्षा व सम्मान करना सिखाता हैं, सनातन परोपकारता का धर्म है। जप, तप, सिमरण, दान,दया करना ही सनातन धर्म के पुरातन संस्कार है। सनातन जोड़ना सिखाता है तोडना नहीं। आओ हम सभी ऐसे महान धर्म के प्रचारक बन धर्म का प्रचार करें। विस्तार करें।