जयराम विद्यापीठ में तंबाकू निषेध पर संगोष्ठी आयोजित।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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संगोष्ठी में ब्रह्मचारियों ने तंबाकू निरोधक प्रचार का लिया प्रण।
कुरुक्षेत्र, 1 जून : देशभर में फैली जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष एवं श्री जयराम विद्यापीठ के संचालक ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से जयराम विद्यापीठ के गीता शोध केंद्र में तंबाकू निषेध दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर संस्कृत महाविद्यालय के विद्यार्थियों और ब्रह्मचारियों को जहां स्वयं तंबाकू का न प्रयोग करने का संदेश दिया गया। वहीं इस बात का भी प्रण लिया गया कि तंबाकू निरोधक प्रचार करेंगे तथा आम लोगों तंबाकू का प्रयोग न करने के लिए प्रेरित करेंगे।
इस मौके पर संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. रणबीर भारद्वाज ने तंबाकू के दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए बताया कि तंबाकू ऐसी चीज है जिसके बारे में सब जानते हैं कि इसे खाने से उनकी जिंदगी को खतरा रहता है, लेकिन फिर भी लोग खुद पर काबू नहीं रख पाते। उन्होंने बताया कि तंबाकू खाने से सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह हम सभी जानते हैं। गुटखा भी तंबाकू का ही एक रूप होता है। उन्होंने कहा कि युवाओं में यह प्रचार भी गलत है कि भारतीय संस्कृति में तंबाकू का प्रयोग होता है। वैज्ञानिक तरीके से भी स्पष्ट हो चुका है कि तंबाकू का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। उन्होंने बताया कि तंबाकू से कैंसर के होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। खासकर मुंह के कैंसर के होने का खतरा सबसे अधिक होता है। इस मौके पर डा. मनोज कुमार ने बताया कि आम लोगों को इस बात का अंदाजा भी नहीं लगता कि तंबाकू अथवा गुटखे का प्रयोग कितना हानिकारक है। उन्होंने बताया कि लगातार गुटखे या तंबाकू के सेवन से दांत ढीले और कमजोर बनते हैं। बैक्टीरिया दांतों में जगह बना लेते हैं जिससे दांतों का रंग बदलने लगता है और धीरे-धीरे दांत गलने भी लगते हैं। इस अवसर पर सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक, के. के. कौशिक, राजेश सिंगला, प्रवीण शर्मा इत्यादि सहित ब्रह्मचारी मौजूद रहे।
जयराम विद्यापीठ के गीता शोध केंद्र में मौजूद ब्रह्मचारी।