देवशयनी एकादशी पूजन के साथ श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में शुरू हुआ चातुर्मास पूजन।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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रुद्राभिषेक के साथ प्रारम्भ हुआ चातुर्मास पूजन।
कुरुक्षेत्र, 29 जून : मारकंडा नदी के तट पर श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी एवं अन्य संतों के सान्निध्य में गुप्त नवरात्रों की समाप्ति के उपरांत अब चातुर्मास पूजन प्रारम्भ हो गया है।
चातुर्मास पूजन के पहले दिन महंत जगन्नाथ पुरी एवं अन्य संत महापुरुषों ने सर्वकल्याण की भावना से मंत्रोच्चारण के साथ शिवलिंग पर रुद्राभिषेक किया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि चातुर्मास में ही सावन महीना आता है और सावन महीना भगवान भोलेनाथ को प्रिय है। इसलिए चातुर्मास में शिव पूजन व अभिषेक का विशेष महत्व है।
उन्होंने बताया कि वीरवार को मंदिर में देवशयनी एकादशी का पूजन किया गया। देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु सभी देवी-देवताओं के साथ योग निद्रा में चले जाते हैं। इसलिए इस समय किसी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं। मांगलिक कार्यों की फिर शुरुआत कार्तिक मास की देवउत्थान एकादशी के दिन होती है। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि चातुर्मास में भगवान विष्णु सभी देवी-देवताओं के साथ राजा बलि के यहां पाताल लोक में आराम करते हैं। इस काल में सृष्टि संचालन का कार्य भगवान शिव करते हैं, इस लिए चातुर्मास में भोलेनाथ की पूजा करना विशेष रूप से फलदायी होती है।
चातुर्मास का पहला महीना सावन का होता है, जो विशेषतौर पर भगवान शिव की पूजा को समर्पित है।
महंत जगन्नाथ पुरी व अन्य देवशयनी एकादशी पूजन करते हुए।