वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
पिहोवा 16 अप्रैल : सनातन धर्म में शक्ति की आराधना का पर्व नवरात्रि बेहद शुभ माना गया है। नवरात्रि के नौ दिन व्रत रखने के साथ-साथ कन्या पूजन भी किया जाता है। मान्यतानुसार अष्टमी व नवमी के दिन माता की पूजा के साथ कन्या पूजन का भी विधान है।
गोबिंदानंद आश्रम में चल रहे नवरात्र महोत्सव कार्यक्रम में श्रद्धालुओं पर प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए साधु समाज के प्रदेश अध्यक्ष महंत बंसी पुरी महाराज ने कहा कि कन्या भोज के बिना नवरात्र अनुष्ठान पूरा नहीं होता। माता रानी को जितनी प्रसन्नता कन्या भोज से मिलती है, उतनी प्रसन्नता हवन एवं दान से नहीं मिलती। इसलिए कन्या पूजन करके मां भगवती की कृपा सहज ही प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि कन्याओं का देवियों की तरह आदर, सत्कार और भोज कराने से मां दुर्गा प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुख समृद्धि का वरदान देती है। इनकी पूजा से मां दुर्गा का घर में आगमन होता है।
महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्या गिरी जी महाराज ने कहा कि कन्या पूजन का संदेश है कि हर स्त्री में देवी की भावना होती है। इसलिए हमें स्त्रियों का सम्मान करना और उनकी भावनाओं को समझना चाहिए। नवरात्रि पर्व हमें महिलाओं का सम्मान करना और उन्हें सशक्त बनाने की प्रेरणा देता है।
आश्रम की महंत सर्वेश्वरी गिरी ने बताया कि पिछले 9 दिनों से आश्रम में महंत बंसी पुरी के सानिध्य में चल रहा नवरात्र दुर्गापूजा महोत्सव एवं शतचंडी महायज्ञ आज नवमी के पावन अवसर पर पूर्णाहुति, कन्या पूजन महाआरती एवं विशाल भंडारे के साथ संपन्न होगा। जिसमें अनेकों संत महात्मा, नगर के गणमान्यजन एवं भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।