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प्रमंडल के नवपदस्थापित सीएचओ के लिए परिवार नियोजन से संबंधित प्रशिक्षण शिविर का आयोजन:
लाभुकों को परिवार नियोजन की गुणवत्तापूर्ण सेवा दिए जाने को लेकर सीएचओ को किया गया प्रशिक्षित: अपर निदेशक
परिवार नियोजन अपनाने में महिला और पुरुषों की आपसी सहमति जरूरी: आरपीएम
परिवार नियोजन से संबंधित परामर्श के लिए टॉल फ्री नंबर का करें प्रयोग:
परिवार नियोजन एक ऐसी योजना है, जिसमें परिवार की आय, माता के स्वास्थ्य, बच्चों के समुचित पालन पोषण तथा शिक्षा को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त समय पर और एक आदर्श संख्या में शिशुओं को जन्म दिया जाए। जिससे बाल विवाह रुके व दो बच्चों के जन्मों के बीच अंतर बढ़ाने को बढ़ावा देने के साथ ही परिवार नियोजन सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना होता है। उक्त बातें स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ विजय कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अंतिम दिन उपस्थित सभी सीएचओ को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर सेंटर फॉर एडवोकेसी रिसर्च (सिफार) के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, आरपीएमयू के कर्मी श्याम कुमार एवं शाहनवाज आलम उपस्थित थे।
लाभुकों को परिवार नियोजन की गुणवत्तापूर्ण सेवा दिए जाने को लेकर सीएचओ को किया गया प्रशिक्षित: अपर निदेशक
राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा-निर्देश के आलोक में वर्ष 2023/24 के दौरान परिवार नियोजन को लेकर पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिले में नवपदस्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को लाभुकों को परिवार नियोजन की गुणवत्तापूर्ण सेवा दिए जाने को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें पूर्णिया सहित अन्य सभी जिलों के 30/30 सीएचओ को दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान परिवार नियोजन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षक के रूप में जपाइगो के क्षेत्रीय कार्यक्रम अधिकारी डॉ गंगेश गुंजन, केयर इंडिया की ओर से डीपीएचओ सोमेन अधिकारी एवं सनत गुहा रहे। इसके साथ ही क्षेत्रीय स्वास्थ्य अपर निदेशक डॉ विजय कुमार, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कैशर इक़बाल एवं क्षेत्रीय आशा समन्वयक प्रियंका कुमारी के दिशा-निर्देश में चार पाली में प्रशिक्षण आयोजित हुआ।
परिवार नियोजन अपनाने में महिला और पुरुषों की आपसी सहमति जरूरी: आरपीएम
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कैसर इक़बाल ने कहा कि
परिवार नियोजन अपनाने में मुख्य रूप से कंडोम, गर्भनिरोधक गोली एवं अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (आईयूडी) को आसानी से उपयोग में लाया जा सकता है।इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस तरह की प्रक्रिया में यौन संबंध से होने वाले रोग से भी अपने आपको बचाया जा सकता है। वहीं गर्भनिरोधक गोली खाने से सबसे बड़ा फायदा यह है कि गर्भवती ना होना महिला के हाथ में होता है। आप बिना किसी परेशानी के यह गोली का सेवन आसानी से 1 से 2 साल तक ले सकती हैं। वहीं अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (आईयूडी) यह एक लंबे अरसे तक चलने वाला तरीका है। यह बहुत ही आसान और छोटी सी प्रक्रिया होती है। प्रतिदिन गोली खाने या कंडोम के प्रयोग से छुटकारा पाने से सबसे सरल व आसान तरीका (आईयूडी) लगाना होता है। आप जब चाहें इसको निकलवा सकती हैं। यह तीनों तरीके बहुत ही आसान, सस्ते और आसानी से मिलने वाले हैं। उससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सिर्फ़ तब तक ही काम करता है जब तक आप चाहें। अगर आप बच्चा चाहती हैं, तो इन्हे रोक कर आराम से गर्भवती हो सकती। आगामी 11 जुलाई से होने वाले परिवार मिशन पखवाड़ा में बढ़ चढ़ कर कार्य करने के लिए कहा गया है।
परिवार नियोजन से संबंधित परामर्श के लिए टॉल फ्री नंबर का करें प्रयोग:
क्षेत्रीय आशा समन्वयक प्रियंका कुमारी ने बताया कि परिवार नियोजन को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण होती है। इनलोगों की पहुंच घर के बाहर और अंदर तक होती है। जिस कारण डोर टू डोर भ्रमण कर जानकारी लेने में महती भूमिका निभाती हैं। भारत सरकार ने टॉल फ्री नंबर (1800116555) एवं बिहार सरकार ने टॉल फ्री नंबर (104) जारी किया है ताकि देश एवं राज्य की जनता परिवार नियोजन से संबंधित उचित सलाह या परामर्श आसानी ले सके। गर्भ निरोधक सुई- अंतरा के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए टॉल फ्री नंबर (1800-120-1236) जारी किया गया है।