मन की शांति मिलती है मां महागौरी की पूजा से
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : श्री वैष्णो देवी बुआ दादी का संकीर्तन बसंत कॉलोनी सेविका मनीष आनंद के यहां पर संपन्न हुआ जहां पर श्री गुरु रामनाथ जी ने माता की महिमा के बारे में बताया की
नवरात्रि के अष्टमी अर्थात आठवें दिन माता आदि शक्ति के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। शिवपुराण के अनुसार, महागौरी को 8 साल की उम्र में ही अपने पूर्व जन्म की घटनाओं का आभास हो गया था। इसलिए उन्होंने 8 साल की उम्र से ही भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू कर दी थी। इसलिए अष्टमी के दिन महागौरी का पूजन करने का विधान है। नवरात्रि का आठवां दिन हमारे शरीर का सोम चक्रजागृत करने का दिन है। सोमचक्र ललाट में स्थित होता है। श्री महागौरी की आराधना से सोमचक्र जागृत हो जाता है और इस चक्र से संबंधित सभी शक्तियां श्रद्धालु को प्राप्त हो जाती है। मां महागौरी के प्रसन्न होने पर भक्तों को सभी सुख स्वत: ही प्राप्त हो जाते हैं। साथ ही, इनकी भक्ति से हमें मन की शांति भी मिलती है। प्रवचन के बाद माता की भेंटों का गुणगान किया गया;भजन “आजा मां तुझे दिल ने पुकारा मुझे तेरे नाम का ही सहारा” भजनों के बाद गुरु रामनाथ जी ने सबको आशीर्वाद दिया ,वहां प्रसाद का वितरण किया भजनों की धारा में भावपूर्ण भजन गायक जगदीश भाटिया ,देवेंद्र दुआ, संजीव सोई ,राजीव साहनी, गौतम डूडेजा, सुरेंद्र खत्री, सचिन खत्री ,प्रेम भाटिया, अशोक अरोड़ा का सहयोग रहा।