दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की ओर से एक दिवसीय सत्संग कार्यक्रम का किया गया आयोजन।
फिरोजपुर 12 अप्रैल {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की और से फिरोजपुर शहर में एक दिवसीय सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी वंदना भारती जी ने अपने विचारों के माध्यम से संगत को संबोधित करते हुए कहा की , आज की आधुनिक जीवन शैली में अक्षरा देखा जाता है कि लोग नियमों में बंधन पसंद नहीं करते हैं। फिर चाहे वह नियम उनकी व्यावसायिक, सामाजिक या व्यक्तिगत जीवन से संबंधित क्यों ना हो ।उनके हिसाब से नियम स्वयं के स्वतंत्रता में दखल पैदा करते हैं ।परंतु वास्तविकता में एक नियमबद्ध जीवन ही सफलता की कुंजी होता है ।एक सुदृढ़ समाज का निर्माण भी नियमों के पालन से ही पूरा होता है। अगर समाज में कोई नियम ही ना हो प्रत्येक व्यक्ति को मनचाहा काम करने की स्वतंत्रता हो तो उसे समझ में केवल अन्याय ,अत्याचार, अनुचित वह अर्थहीन व्यवहार की ही झलक दिखेगी। इसलिए एक इंसान के जीवन में भी नियम का होना बहुत जरूरी है। जब कोई नियम के विरुद्ध जाता है तब वह स्वार्थी होकर स्वयं को ही नहीं बल्कि समूचे समाज को नुकसान पहुंचता है ।इसलिए कह सकते हैं कि नियम ही सुव्यवस्थित समाज की नींव होती है। साध्वी जी ने कहा सर्व विदित है कि जो नदी स्वयं को बंद के समक्ष समर्पित कर देती है वह संयमित होकर विद्युत उत्पन्न करने में भी सक्षम हो पाती है। लाखों करोड़ों लोगों के जीवन को रोशन करने के लिए एक सशक्त माध्यम बन जाती है। ठीक उसी प्रकार जब एक शिष्य गुरु आगे में बंधन में बंध जाता है तो वह अपने श्रेष्ठ आचरण और व्यक्तित्व से विश्व पटल पर ऐसी अनूठी छाप छोड़ता है जो आने वाले अनेक पीडिया के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाती है ।अंत में साध्वी दविंदर भारती जी ने सुंदर भजनों का गायन किया।