अयोध्या:—-
धनुर्विद्या का केंद्र रही है रामनगरी अयोध्या, याद दिलाएगा प्रवेश द्वार
मनोज तिवारी ब्यूरो अयोध्या
रामपथ के इंट्री प्वाइंट पर अयोध्या की संस्कृति और इतिहास को समेटे भव्य प्रदेश द्वार का निर्माण शुरू करा दिया गया है। अगले कुछ महीने में यह दिखने लगेगा। यह प्रवेश द्वार राजकीय इंटर कालेज में हो रही तीरंदाजी प्रतियोगिता की याद भी दिलाता रहेगा। साथ ही यह भी बताता रहेगा कि अयोध्या दुनिया के श्रेष्ठ धनुर्धरों की धरती रही हैरामपथ राममंदिर को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है। यह लगभग 13 किमी लंबा है। सहादतगंज इसका इंट्री प्वाइंट है। यहां पर अयोध्या विकास प्राधिकरण ने भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण शुरू करा दिया है। डिजाइन रामायण थीम पर आधारित है। यह अयोध्या की संस्कृति और इतिहास को दर्शाता है। अयोध्या श्रीराम की नगरी है। त्रेता में यह धनुर्विद्या का केंद्र रही है। श्रीराम और उनके भाई धनुर्विद्या के महारथी थे।जानकार बताते हैं कि धनुष बाण शस्त्र है। इस पर दिव्य अस्त्रों का संधान किया जाता है। श्रीराम, परशुराम, अर्जुुन, भीष्म, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, कर्ण, शल्य जैसे ढाई दर्जन आदि महायोद्धा थे,