कौरव कौन, कौन पांडव टेढ़ा, सवाल है।
दोनों ओर शकुनि का फैला कूटजाल है-अटल बिहारी वाजपेई
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : सीबीगंज,कौरव कौन, कौन पांडव, टेढ़ा सवाल है|
दोनों ओर शकुनि का फैला कूटजाल है……इसी प्रकार की न जाने कितनी कविताओं से भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर देश ने उन्हें याद किया। उनकी जयंती के उपलक्ष्य पर देश दुनिया भर में उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। बरेली के फतेहगंज पश्चिमी में भी अटल बिहारी वाजपेई की जयंती के उपलक्ष में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें भाजपा जिला प्रभारी मंत्री देवेंद्र सिंह ने अटल बिहारी वाजपेई के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा, कि ये बात जग जाहिर है कि अटल बिहारी वाजपेई की शख्सियत एक ऐसे व्यक्ति की थी जिनके विरोधी भी उनका दिल से सम्मान करते थे। और आज भी उनके दिल में अटल जी का अलग ही स्थान है। एक सच्चे नेता के तौर पर उन्होंने अपनी ऐसी छवि, अपनी कड़ी मेहनत, लगन, और सच्ची निष्ठा से बनाई थी। 25 दिसंबर 1924 को जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी की गिनती भारतीय इतिहास में एक ऐसे राजनीतिज्ञ और कवि के रूप में होती है जिनकी तुलना किसी अन्य राजनेता से नही की जा सकती। भाजपा जिला अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि,
अटल जी ने भारत के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में तीन बार देश की सेवा की, पहली बार 1996 में 13 दिन की अवधी के लिए दूसरी बार फिर 1998 से 1999 तक 13 महीने की अवधि के लिए वह प्रधानमंत्री बने, उसके बाद वर्ष 1999 से पूर्ण कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद पर रहकर देश की सेवा की। मंडल अध्यक्ष कुलबीर सिंह ने अटल जी के बारे में बताया कि जब अटल बिहारी वाजपेयी को पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) के साथ भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। तब इस प्रतिष्ठित मान्यता के मद्देनजर, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने घोषणा की, कि अब से 25 दिसंबर को वाजपेयी की विरासत को श्रद्धांजलि देते हुए सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। जिला उपाध्यक्ष अभय चौहान ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेई एक बहुत बड़े कवि भी थें. उन्होंने कई ऐसी कविताएं लिखी हैं जिन्हें लोग बेहद पसंद करते है. उनकी कविताओं में, आओ फिर से दिया जलाएं, मैं न चुप हूं न गाता हूं, गीत नया गाता हूँ, कदम मिला कर चलना होगा, कौरव कौन, कौन पांडव कुछ खास कविताए हैं उनकी कविताएं जीवंत और बेबाकी को दर्शाती हैं, जो पत्थरों में भी जान फूंक सकती हैं। भाजपा नेता और प्रधान महाराज सिंह उर्फ पंकज ने अटल जी के बारे में कहा कि, इंदिरा गांधी के बाद लगातार तीन बार अपने नेतृत्व में पार्टी को जीत दिलाने वाले इकलौते प्रधानमंत्री का गौरव वाजपेयी के नाम है। वाजपेयी एक ऐसे इकलौते नेता थे जिन्हें चार अलग-अलग राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचने का गौरव हासिल है। वहीं सीबी गंज के चन्दपुर काजियान के प्रधान वुन्दन ने कहा कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई का प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यकाल इतना गौरवशाली रहा कि एक दशक के बाद भी उस कार्यकाल को न सिर्फ याद किया जाता है, बल्कि उस पर अमल भी किया जाता है। बहुत ही कम ऐसे प्रधानमंत्री हुए जिन्होंने समाज पर इतना सकारात्मक प्रभाव छोड़ा हो, इस अवसर पर हरीश कुमार गंगवार कातिब, संजीव शर्मा, महेश वन गोस्वामी, रोहित जिला उपाध्यक्ष राहुल साहू ,अजय राजपूत, जिला मंत्री अमित शुक्ला, मंडल महामंत्री सौरभ पाठक, संजीव सिंह, सत्येंद्र चौहान, तिलक सिंह, कल्लू दिवाकर, विद्या राममोरिया, निरंकार नारायण, मुनीश मिश्रा, ओमकार गुर्जर, दिनेश गुर्जर, अश्वनी तिवारी, कन्हैया लाल मौर्य, आदि ने भी अटल बिहारी वाजपेई के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए।