प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक डा. जय भगवान सिंगला द्वारा रचित साहित्य को लोगों ने किया पसंद
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
डा. जय भगवान सिंगला की पुस्तकों की हुई भरपूर बिक्री।
विदेशी भी हुए प्रभावित।
कुरुक्षेत्र, 27 दिसम्बर : प्रेरणा संस्था एवं प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक डा. जय भगवान सिंगला द्वारा रचित साहित्य लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। पेशे से व्यापारी, स्वभाव से समाज सेवक और मात्र 10 वर्ष लेखन कार्य में उतर कर साहित्यकार बने डा. जय भगवान सिंगला द्वारा अब तक 40 पुस्तक लिखी जा चुकी हैं। उनका साहित्य लोगों के आकर्षण का विशेष केंद्र बनता जा रहा है।
इसका प्रमाण गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा लगाए गए पुस्तक मेले में देखने को मिला । डा. मधु कांत अध्यक्ष प्रज्ञा साहित्य मंच रोहतक ने भी पुस्तकों की बिक्री की सराहना की। डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि मेरे लिए यह प्रसन्नता का विषय है कि मुझे जैसे एक सामान्य से साहित्यकार के साहित्य को पाठकों ने इतनी उत्सुकता से देखा पढा व खरीदा है। उन्होंने कहा कि मैं आभारी हूं हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी का और विशेष तौर पर इस अकादमी के संस्कृति प्रकोष्ठ के निदेशक डा. चितरंजन दास सिंह कौशल का जिन्होंने हमें यह सुअवसर प्रदान किया। डा. चितरंजन दास सिंह कौशल ने कहा कि डा. जय भगवान सिंगला का हमारे इस पुस्तक मेले में भाग लेना हमारे सबके लिए सौभाग्य की बात रही और उनके द्वारा रचा गया साहित्य एक विशेष आकर्षण और पाठकों की पहली पसंद बना। इस कार्य के लिए उन्होंने डा. सिंगला को वरिष्ठ साहित्यकारों के और पंचकूला से आए अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में सम्मानित किया। इस पुस्तक मेले में उनकी कई पुस्तकों का विमोचन भी किया। इस अवसर पर डा. रमाकांता जिन्होंने प्रेरणा की बुक स्टॉल पर लगातार कई दिन तक दायित्व संभाला। उन्होंने कहा कि मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझती हूं कि मुझे साहित्य की सेवा करने का यह शुभ अवसर प्राप्त हुआ। इस स्टॉल का एक और बहुत बड़ा आकर्षण रहा कि उनके स्टाल पर जो भी कोई साहित्यकार आया उन्होंने उन्हें अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया। सभी साहित्यकारों ने उनके इस कार्य की भूरी भूरी सराहना की और कहा कि उनका यह कदम निश्चित तौर पर साहित्यकारों को एक नया उत्साह देगा। उनके लेखन में एक नई क्रांति आएगी। इस अवसर पर डा. ममता सूद, राधा अग्रवाल, कविता रोहिल्ला, डा. विजय दत्त शर्मा पूर्व निदेशक हरियाणा ग्रंथ अकादमी, प्रेरणा की अध्यक्षा रेनू खुंगर, अनीता रामपाल, सुमन बाला प्राचार्य गीता कन्या स्कूल एवं हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी पंचकूला से आए डा. विजेंद्र, डा. आर्य शिखा, श्याम राणा, दिनेश पराशर एवं अन्य कई साहित्यकार मौजूद रहे।
डा. जय भगवान सिंगला एवं अन्य साहित्यकार।