जफर अंसारी
दूसरी तरफ भाजपा नेता रोहित दुम्का का पलटवार
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं वैसे-वैसे क्षेत्र में विकास कार्य से जुड़े मुद्दे हावी होते जा रहे हैं जहां एक ओर अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं नगर पंचायत लालकुआं के पूर्व अध्यक्ष रामबाबू मिश्रा ने लालकुआं विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े मुद्दे बिंदुखत्ता राजस्व गांव के मामले पर डबल इंजन की सरकार को घेरने का प्रयास किया है तो वहीं लालकुआं विधानसभा के सीमा विस्तार और लालकुआं वासियों के मालिकाना हक के मामले पर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है,
उन्होंने कहा कि बिंदुखत्तावासी लंबे समय से राजस्व गांव की मांग कर रहे हैं मगर दो-दो बार डबल इंजन की सरकार रिपीट होने के बाद भी इस क्षेत्र के लोग स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। वहीं कालाढूंगी, भीमताल जैसी नगर पंचायतों को नगरपालिका का दर्जा दिया जा चुका है मगर लालकुआं नगर पंचायत का आज तक सीमा विस्तार नहीं हो पाया है जिसकी वजह से आसपास की कॉलोनी के लोग कई सरकारी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं वहीं लालकुआं वासियों को मालिकाना हक के मामले पर भी जनता को गुमराह करने का काम किया गया है ऐसे में अब चुनाव में ही जनता जनार्दन सरकार को जवाब देगी। वही दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी हल्दुचौड़ के मंडल उपाध्यक्ष रोहित दुम्का ने पलटवार करते हुए कहा कि बिंदुखत्ता वासियों को मलिकाना हक दिए जाने के मुद्दे पर आज तक जितना कम विधायक मोहन सिंह बिष्ट किसने किया है उतना किसी ने भी नहीं किया उनके दिशा निर्देश पर ही वन अधिकार समिति का गठन हुआ है और वह राजस्व गांव के मामले में अच्छी पैरवी भी कर रही है जल्द ही इस संबंध में क्षेत्र वासियों को खुशखबरी मिलेगी। वहीं सीमा विस्तार के मामले में उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत आसपास की कॉलोनी को लाभान्वित करने की योजना पर काम किया गया है और इसका शिलान्यास भी आचार संहिता लगने से पहले विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कर दिया है आचार संहिता हटने के बाद सीमा विस्तार के मामले में भी आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी वही मालिकाना हक के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पूर्व में भी डबल इंजन की सरकार ने ही लालकुआं वासियों को मालिकाना के पट्टे दिए थे और जल्द ही आचार संहिता हटने के बाद इस संबंध में त्वरित कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। फिलहाल आरोप और प्रत्यारोप के अलावा दावों और वादों का खेल शुरू हो चुका है ऐसे में जनता ही तय करेगी कि किसके सर पर ताज सजेगा।