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नारी के सम्मान में प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित किया जाए : डॉ. रीना कन्नोजिया

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

केयू आईआईएचएस में लिटरेरी क्लब द्वारा पर्यावरण नारीवाद को लेकर कार्यशाला आयोजित।

कुरुक्षेत्र, 23 जनवरी : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटीग्रेटेड एंड ऑनर्स स्टडीज एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस के संस्कृत एवं दर्शन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इकोफेमिनिजम (पर्यावरण नारीवाद) पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता डॉ. रीना कन्नोजिया ने कहा कि नारीवाद एवं पर्यावरण का संबंध है क्योंकि दोनों ही पितृ सत्तात्मक संस्था द्वारा शोषित होते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जरूरत है कि नारी के सम्मान में प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित किया जाए ताकि उनके पर्यावरण के संरक्षण में महत्वपूर्ण भागीदारी हो सके।
मिरांडा हाउस से आए डॉ. चंदन मिश्रा एवं डॉ. मधु सहित चर्चा सत्र में डॉ. चंद्रलेखा एवं शोधार्थियों के वाद संवाद से विचार-विमर्श में अनेक नए आयाम उभर कर आए। लिटरेरी क्लब हिंदी के संयोजक डॉ. रामचन्द्र ने बताया कि मिरांडा हाउस के रिसर्च एवं डेवलपमेंट प्रभाग में इकोफेमिनिजम पर संचालित प्रोजेक्ट के व्यापक विचार-विमर्श के लिए एक परिचर्चा सत्र आयोजित किया गया। लिटरेरी क्लब (इंग्लिश) के संयोजक डॉ. जिम्मी शर्मा ने भी अपने मूल्यवान विचारों से चर्चा सत्र को सार्थक बना दिया। डॉ. जिम्मी शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन सौंपा और कहा कि भविष्य में भी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एवं दिल्ली विश्वविद्यालय का यह पारस्परिक संवाद आयोजित होता रहेगा।
संस्थान की प्राचार्या प्रो. रीटा दलाल ने लिटरेरी क्लब को कार्यशाला के इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी। आईआईएचएस में आयोजित इस कार्यशाला में बड़ी संख्या मिरांडा हाउस एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के छात्र, शोधार्थी एवं फैकल्टी मेंबर्स सम्मिलित हुए।

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