पिता की मौत के बाद 16 साल तक बेटे ने ली पेंशन

पिता की मौत के बाद 16 साल तक बेटे ने ली पेंशन , आरसी जारी
दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : रिटायर्ड प्रवक्ता पिता की मृत्यु के बाद जालसाजी कर 16 साल तक पेंशन हड़पने के मामले में प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। तहसील सदर से कुल 74.66 लाख की वसूली के लिए आरसी जारी होने के बाद राजस्व विभाग की टीम आरोपी उमेश भारद्वाज के घर पहुंची। इसके बाद उमेश भारद्वाज ने एडीएम फाइनेंस के कार्यालय में पेश होकर दो लाख रुपये अदा कर दिए। साथ ही वादा किया कि फरीदपुर में अपना पुश्तैनी मकान बेचकर वह जल्द ही बाकी रकम भी अदा कर देगा।
उमेश के पिता सोहनलाल शर्मा बदायूं के श्रीकृष्ण इंटर कॉलेज से रिटायर हुए थे। 16 साल पहले उनकी मृत्यु हो गई लेकिन उमेश ने कोषागार के वरिष्ठ सहायक और बैंक कर्मचारियों की साठगांठ से इसे छिपा लिया और जालसाजी कर पिता की जगह खुद पेंशन लेनी शुरू कर दी। हाल ही में इस मामले का खुलासा हुआ जिसके बाद प्रशासन ने जांच कराई। उमेश के 16 साल की अवधि में पेंशन के तौर पर 74.66 लाख की रकम हड़पने की पुष्टि हुई। अब इस रकम की वसूली के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
अब इस मामले में उमेश भारद्वाज से 74.66 लाख की धनराशि की वसूली की प्रक्रिया शुरू की गई है। एडीएम फाइनेंस के निर्देश पर तहसील सदर से उमेश भारद्वाज के खिलाफ आरसी जारी कर उसे टॉप टेन बकायादारों में शामिल किया गया। संग्रह अमीन पैसे की वसूली के लिए घर पहुंचा तो उमेश एडीएम संतोष बहादुर सिंह के समक्ष पेश हुआ और फर्जी तरीके से पेंशन लेने की बात स्वीकार करने के साथ दो लाख रुपये भी जमा कर दिए। तीन लाख अगले सप्ताह देने की बात कही। बताया, जल्द ही वह फरीदपुर में पुश्तैनी जमीन बेचकर सारी रकम अदा कर देगा।
जालसाजी कर सरकारी धन हड़पने के इस मामले में कोषागार के अधिकारियों की ओर से उमेश भारद्वाज के साथ बैंक कर्मचारी और इस जालसाजी में शामिल रहे कोषागार के वरिष्ठ सहायक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करानी थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। हालांकि इस मामले में विधिक राय ली गई थी। जिला शासकीय अधिवक्ता ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि शासकीय धन की क्षति का यह प्रकरण में धन की हानि, लापरवाही और कूटरचित योजना से संबंधित है। उन्होंने उमेश भारद्वाज के खिलाफ एफआईआर कराकर वैधानिक कार्यवाही के तहत सरकारी धन की वसूली की संस्तुति की थी।
उमेश भारद्वाज शहामतगंज की एक खाद सोसाइटी में सेल्समैन था और रिटायर हो चुका है। तहसील सदर के अधिकारियों के मुताबिक उमेश भारद्वाज के आजाद नगर और डोहरा रोड पर दो मकान हैं लेकिन दोनों बेटे-बहू के नाम हैं। उमेश की फरीदपुर में जमीन है। लिहाजा एकमात्र विकल्प जमीन को बेचकर पैसा जमा करने का है। हालांकि समय पर रकम जमा न करने पर जमीन और मकान दोनों की नीलामी हो सकती है।
उमेश के पिता सोहन लाल शर्मा की 19 सितंबर 2008 को मृत्यु हो गई थी। उन्हें 49 हजार रुपये की पेंशन मिलती थी जिसके लालच में उमेश ने बैंक कर्मचारियों और कोषागार के एक वरिष्ठ सहायक से साठगांठ कर जालसाजी की और 16 साल तक पेंशन का पैसा बैंक से निकालता रहा। फर्जीवाड़ा तब पकड़ा गया जब वह दो सितंबर 2024 को मुख्य कोषाधिकारी के कार्यालय में पिता के नाम का जीवन प्रमाणपत्र जमा करने पहुंचा। बाबू ने प्रमाणपत्र पर जन्मतिथि देखी तो शक हुआ। पेंशनधारक सोहनलाल शर्मा की उम्र 105 साल होनी चाहिए थी लेकिन सामने खड़ा उमेश बमुश्किल 60 का लग रहा था।