देहरादून: उत्तराखंड में वार्षिक स्थानांतरण सत्र की कवायद शुरू, 10 जून तक जारी होगे तबादला आदेश

प्रदेश में वार्षिक स्थानांतरण सत्र 2025-26 के लिए प्रशासनिक स्तर पर कवायद तेज हो गई है. कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने सभी विभागों को उत्तराखंड राज्य अधिनियम 2017 के तहत निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. स्थानांतरण प्रक्रिया 1 अप्रैल से विधिवत रूप से शुरू होगी और 10 जून तक तबादला आदेश जारी कर दिए जाएंगे.
इसके लिए शासन, विभाग, मंडल और जिला स्तर पर स्थानांतरण समितियों का गठन किया जाएगा. कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने सभी प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर आवश्यक तैयारी पूरी कर लें. उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिनियम के तहत सभी विभागों को तय समय-सीमा में कार्यवाही करनी होगी.
कब क्या होगा?
तबादला अधिनियम के तहत पूरे स्थानांतरण सत्र की चरणबद्ध प्रक्रिया तय की गई है. जिसका जिक्र तारीखवार नीचे किया गया है.
31 मार्च तक विभागों को सुगम और दुर्गम क्षेत्रों के साथ-साथ उपलब्ध रिक्त पदों का चिन्हीकरण करना होगा.
1 अप्रैल तक शासन, विभाग, मंडल और जिला स्तर पर स्थानांतरण समितियों का गठन किया जाएगा.
15 अप्रैल तक प्रत्येक संवर्ग के लिए सुगम और दुर्गम कार्यस्थलों, पात्र कर्मचारियों और संभावित रिक्त पदों की सूची विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी.
20 अप्रैल तक कर्मचारियों से 10 इच्छित स्थानों के लिए विकल्प मांगे जाएंगे, ताकि कर्मचारियों को अपनी पसंद के अनुसार स्थानांतरण का अवसर मिल सके.
30 अप्रैल तक विभागीय स्तर पर अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे.
15 मई तक पात्र कर्मचारियों से सभी विकल्प या आवेदन पत्र प्राप्त कर लिए जाएंगे.
20 मई तक प्राप्त विकल्पों या आवेदनों का विवरण विभागीय वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाएगा
25 मई से 5 जून तक स्थानांतरण समितियां बैठक कर सक्षम प्राधिकारी को सिफारिश भेजेंगी.
10 जून तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्थानांतरण आदेश जारी किए जाएंगे.
कर्मचारियों को बताना होगा कारण
आदेश जारी होने के दो दिन के भीतर संबंधित विभागों को वेबसाइट पर इसे अपलोड करना अनिवार्य होगा. तबादला अधिनियम के तहत राज्य राज्य सरकार ने तबादलों को पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के लिए यह प्रक्रिया तय की है. नीति के अनुसार, दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे कार्मिकों को प्राथमिकता के आधार पर सुगम क्षेत्रों में तबादला देने का प्रावधान है. अनुरोध के आधार पर तबादले के लिए कर्मचारियों को स्पष्ट कारण बताना होगा.
तबादलों को लेकर पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ऑनलाइन आवेदन और विकल्प प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाएगी. इससे कर्मचारियों को घर बैठे ही अपनी पसंद के स्थान के लिए आवेदन करने की सुविधा मिलेगी. साथ ही पूरी प्रक्रिया की निगरानी संबंधित विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों के जरिये की जाएगी.
इन्हें मिलेगी प्राथमिकता
प्रदेश सरकार का उद्देश्य इस प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा करना है, जिससे कर्मचारियों को मनचाहे स्थान पर सेवाएं देने का अवसर मिल सके. स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत विशेष रूप से शिक्षकों, स्वास्थ्यकर्मियों और प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों को प्राथमिकता मिलेगी.
प्रदेश सरकार ने निर्देश दिए हैं कि स्थानांतरण आदेश के बाद निर्धारित अवधि में सभी कर्मचारी अपने नए कार्यस्थल पर कार्यभार ग्रहण कर लें. आदेश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.