देहरादून: STF ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया, करोड़ों की ठगी का खुलासा

देहरादून: STF ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया, करोड़ों की ठगी का खुलासा,
सागर मलिक
देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ ने साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में से एक दसवीं पास संदीप सिंह साइबर ठगों का प्रशिक्षक भी रह चुका है। गिरोह द्वारा विभिन्न नामों से फर्जी व्यवसायिक बैंक खाते खुलवाकर करोड़ों रुपये का लेनदेन किया जा रहा था, जिनमें से अधिकांश ट्रांजेक्शन क्रिप्टो करेंसी में होते थे। आरोपियों के पास से लाखों रुपये की क्रिप्टो करेंसी, कई फर्जी दस्तावेज, मोबाइल, लैपटॉप और अन्य उपकरण बरामद किए गए है,
साइबर ठगों का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बेनकाब
मार्च 2025 के पहले सप्ताह में भारत सरकार द्वारा म्यांमार से 540 भारतीय नागरिकों को स्वदेश वापस लाया गया, जिनमें 22 नागरिक उत्तराखंड के थे। जांच में इन नागरिकों से साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की जानकारी मिली। उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर एसटीएफ द्वारा एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसने सीबीआई और I4C के साथ मिलकर संयुक्त पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उत्तराखंड से संचालित हो रहे साइबर ठगों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं।
दो आरोपी गिरफ्तार, करोड़ों की ठगी का खुलासा
दिनांक 22 मार्च 2025 को रायपुर क्षेत्र के महाराणा प्रताप चौक से आगे थानों रोड पर जिला पंचायत चुंगी के पास से दो साइबर अपराधी, हरजिंदर सिंह और संदीप सिंह को एक काले रंग की अल्काजार कार में गिरफ्तार किया गया। इनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये दोनों टेलीग्राम के जरिए साइबर अपराधियों के संपर्क में आए थे। इन्होंने फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खुलवाकर उनके डेबिट कार्ड, पासबुक और इंटरनेट बैंकिंग डिटेल्स साइबर अपराधियों को उपलब्ध करवाईं। ये अकाउंट X HELPER और MESSAGE FORWARD ऐप के जरिए लिंक किए जाते थे और भारत समेत अन्य देशों में साइबर अपराध के लिए उपयोग किए जाते थे।
क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन और करोड़ों की कमाई
अपराधियों ने बताया कि उन्हें इन खातों के जरिए हुए ट्रांजेक्शन्स पर 1% कमीशन क्रिप्टो करेंसी में Trust Wallet के माध्यम से USDT में मिलता था। ये दोनों इसे बाद में टेलीग्राम चैनल्स के जरिए कम दामों पर बेचकर भारतीय मुद्रा में बदल लेते थे। पूछताछ में यह भी सामने आया कि पिछले एक वर्ष में उन्होंने लगभग 1.20 करोड़ रुपये की कमाई की, जिसमें से 25 लाख रुपये मार्च 2025 में ही प्राप्त हुए थे,
क्रिप्टो करेंसी में लाखों की संपत्ति बरामद
गिरफ्तारी के दौरान दोनों आरोपियों के मोबाइल के डिजिटल वॉलेट में लाखों रुपये की क्रिप्टो करेंसी पाई गई। टीम ने मौके से 01 लैपटॉप, 07 मोबाइल, 01 पासपोर्ट, 02 चेकबुक, 03 डेबिट कार्ड, 02 पैन कार्ड, 01 पासबुक, 01 स्टांप मोहर और SBI बैंक के 04 फर्जी फॉर्म बरामद किए हैं।
अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों को देता था प्रशिक्षण
पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपी संदीप सिंह को साइबर अपराधियों द्वारा जून-जुलाई 2024 में मलेशिया बुलाया गया था, जहां उसने साइबर अपराधियों को बैंक खाते खुलवाने और उन्हें लिंक करने का प्रशिक्षण दिया। संदीप इस काम में इतना माहिर था कि साइबर ठग उसे अलग-अलग देशों में बुलाकर प्रशिक्षण देते थे।
आगे की कार्रवाई की योजना
एसटीएफ ने अब गिरफ्तार अभियुक्तों से बरामद Trust Wallet और उनके ट्रांजेक्शन की विस्तृत जानकारी जुटाने का काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा, इन खातों से जुड़े अवैध क्रिप्टो ट्रेडिंग और हवाला ट्रांजेक्शन्स की भी जांच की जा रही है। एसटीएफ इस मामले में बड़े स्तर पर आगे की कार्रवाई करने की योजना बना रही है।
गिरफ्तारी में शामिल एसटीएफ टीम
गिरफ्तारी और जांच में एसटीएफ के निरीक्षक एन.के. भट्ट, निरीक्षक विपिन बहुगुणा, निरीक्षक देवेंद्र नबियाल और अन्य अधिकारियों की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब इस मामले में आगे की जांच जारी है और एसटीएफ को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी नेटवर्क के और महत्वपूर्ण खुलासे होंगे।