देहरादून- बुजुर्ग की फरियाद पर डीएम ने कानूनगो को निलंबित किया

देहरादून बुजुर्ग की फरियाद पर डीएम ने कानूनगो को निलंबित किया,
सागर मलिक
*छह साल से दबा रखा था आदेश
डीएम सविन बंसल की सख्ती से मचा हड़कंप*
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने वर्षों से लंबित एक राजस्व प्रकरण में बड़ी कार्रवाई करते हुए सदर तहसील के कानूनगो राहुल देव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कदम जनता दर्शन में गांधी रोड निवासी बुजुर्ग रविन्द्र सिंह की शिकायत पर उठाया गया। पीड़ित ने डीएम को भूमि से संबंधित आदेश के क्रियान्वयन में हो रही देरी की जानकारी दी थी।
फरियादी ने बताया कि कलक्टर द्वारा धारा-28 अंतर्गत 16 मई 2018 को आदेश पारित किए गए थे। यह आदेश वर्ष 2023 में आर-6 रजिस्टर में दर्ज होकर दिसम्बर 2023 में संबंधित कानूनगो को प्रेषित भी हो चुका था, फिर भी अब तक नक्शे में दुरुस्ती नहीं की गई थी।
कई बार तहसील कार्यालय के चक्कर काटने के बाद भी समाधान नहीं हो पाया।
जिलाधिकारी ने इसे शासकीय आदेशों की स्पष्ट अवहेलना मानते हुए तहसीलदार सदर को संबंधित कानूनगो के विरुद्ध कार्रवाई हेतु पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। तत्पश्चात कानूनगो राहुल देव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
इस कार्रवाई से प्रशासनिक अमले में हड़कंप है और अन्य लापरवाह कर्मचारियों को स्पष्ट संदेश गया है कि यदि कार्यप्रवृत्ति नहीं सुधारी गई, तो कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
आदेश
उप जिलाधिकारी सदर, देहरादून ने पत्र संख्या 647/ व्य०पत्रा0/2025 दिनांक 23.07.2025 के द्वारा रविन्द्र सिंह पुत्र स्व० नरेन्द्र सिंह निवासी 63 गांधी रोड, देहरादून के जन शिकायत निवारण दिवस दिनांक 21.07.2025 में दिये गये शिकायती पत्र क्रमांक 37 के सम्बन्ध में जॉच कार्यालय को प्रेषित की गई, जिसमें उल्लेख किया गया है कि माननीय न्यायालय कलक्टर देहरादून के वाद संख्या 08/2010-11 मौजा चक अजबपुर कलां परगना केन्द्र तहसील सदर, नरेन्द्र सिंह आदि बनाम कुन्दन सिंह आदि अन्तर्गत धारा 28 भू० रा० अधिनियम में पारित निर्णय आदेश दिनांक 16.05.2018 के अनुसार “वादीगण का वाद स्वीकार किया जाता है। नये बन्दोबस्ती मानचित्र में जहां खसरा नम्बर 182 में वादीगण को पुराने खसरा न0 78/1 का पूर्ण भाग प्रदान किया गया है, उसे संशोधित कर वादीगण को उनके सम्पूर्ण क्षेत्रफल 0.1860 है० खसरा नम्बर 124, 125 व 182 में एक चक के रूप में पूर्व बन्दोबस्ती के अनुसार प्रदान किया जाय। तदनुसार परवाना अमलदरामद जारी कर बन्दोबस्ती मानचित्र एवं राजस्व अभिलेखों को शुद्ध किया जाय। वाद आवश्यक कार्यवाही पत्रावली दाखिल दफ्तर हो”। के आदेश पारित किये गये हैं। उक्त आदेशों के क्रम में परवाना अमलदरामद तहसीलदार कार्यालय को प्राप्त होने पर दिनांक 21.10.2023 को उक्त आदेश का खतौनी में अंकन करते हुए वाद पत्रावली दिनांक 04.12.2023 को राजस्व निरीक्षक, माजरा को हस्तगत की गयी थी। प्रकरण में कई बार निर्देशित किये जाने के बावजूद भी श्री राहुल देव, राजस्व निरीक्षक, माजरा द्वारा उक्त वाद प्रकरण में आतिथि तक भी बन्दोबस्ती मानचित्र एवं राजस्व अभिलेखों को शुद्ध किये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही नहीं की गयी है, न ही प्रकरण में कोई आख्या उपलब्ध कराई गयी है।
श्री राहुल देव, राजस्व निरीक्षक, माजरा द्वारा अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही के सम्बन्ध में तहसीलदार कार्यालय के पत्र संख्या मैमो / कारण बताओ नोटिस / 2024 दिनांक 11 नवम्बर 2024 के द्वारा स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था किन्तु उनके द्वारा कोई उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया। जिस कारण तहसीलदार कार्यालय के पत्र संख्या-२०का० – वि०का० /2024-2025 दिनांक 16 दिसम्बर 2024 से अपर उप जिलाधिकारी, सदर देहरादून को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया। अपर उप जिलाधिकारी, सदर देहरादून के पत्र संख्या- 76/र0का0-चेतावनी/2024-2025 दिनांक 19 दिसम्बर 2024 से श्री राहुल देव को चेतावनी निर्गत करते हुए लम्बित कार्यों को तत्काल पूर्ण कर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये, किन्तु उक्त चेतावनी के उपरान्त भी इनकी कार्यशैली में कोई सकारात्मक सुधार नहीं आया है। पुनः तहसीलदार सदर कार्यालय के पत्र संख्या-110/२०का०-
स्पष्टीकरण/2024-2025 दिनांक देहरादून 07 जनवरी 2025 के द्वारा न्यायालय कलेक्टर देहरादून में गतिमान धारा-28 से संबंधित वादों में जॉच आख्या उपलब्ध न कराये जाने हेतु श्री राहुल देव का स्पष्टीकरण लिया गया। किन्तु इनके द्वारा उक्त पत्रों के सम्बन्ध में कोई उत्तर तहसीलदार सदर को प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिसके उपरान्त उनके एवं तहसीलदार सदर द्वारा स्वयं प्रत्यक्ष व दूरभाष के माध्यम से भी श्री राहुल देव को लम्बित प्रकरणों पर समयान्तर्गत आख्या उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया किन्तु इनके द्वारा किसी भी प्रकार का सकारात्मक परिवर्तन अपनी कार्यशैली में नहीं लाया गया है। जिस कारण तहसीलदार सदर कार्यालय के पत्र संख्या-838/२० का०-व्य०पत्रा० / 2024-2025 दिनांक 27 जून 2025 एवं पत्र संख्या 849/र०का०-व्य०पत्रा०0/2024 दिनांक 01 जुलाई 2025 से श्री राहुल देव राजस्व निरीक्षक माजरा के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रस्तावित किये जाने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है।
उक्त के अतिरिक्त श्री राहुल देव को कई बार निर्देशित करने के उपरान्त भी उनके द्वारा तहसील के पटलों से समय से डाक प्राप्त नहीं की जाती है। श्री राहुल देव, राजस्व निरीक्षक, माजरा के उक्त कृत्य राजकीय कार्यों के सम्पादन में घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता का द्योतक है। जो उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन है। श्री राहुल देव, राजस्व निरीक्षक माजरा द्वारा अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में की घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता की गयी है जिस कारण श्री राहुल देव, राजस्व निरीक्षक माजरा के विरूद्ध नियमानुसार उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 (यथा संशोधित) के नियम-4 के अनुसार निलम्बन की कार्यवाही हेतु संस्तुति सहित आख्या कार्यालय को प्रेषित की गई है।
1- प्रश्नगत प्रकरण में उप जिलाधिकारी देहरादून से प्राप्त उपरोक्त वर्णित जॉच आख्या के अनुसार प्रथम दृष्टया श्री राहुल देव, राजस्व निरीक्षक क्षेत्र माजरा, तहसील देहरादून द्वारा अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता बरतने तथा उत्तराखण्ड सरकारी सेवक आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन किये जाने पर उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 (यथा संशोधित) के नियम 4 अनुसार श्री राहुल देव, राजस्व निरीक्षक तहसील देहरादून को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है। निलम्बन अवधि में श्री राहुल देव, तहसील ऋषिकेश में सम्बद्ध रहेंगे।
2- निलम्बन अवधि में श्री राहुल देव राजस्व निरीक्षक, तहसील देहरादून को वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड-2 भाग-2 से 4 के मूल नियम-53 के प्राविधानो के अन्तर्गत जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हे जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर मंहगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे कार्मिक को जीवन निर्वाह के साथ कोई मंहगाई भत्ता देय नही होगा, जिन्हे निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ मंहगाई भत्ता अथवा मंहगाई भत्ता का उपातिक समायोजन प्राप्त नही था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ता भी निलम्बन अवधि में इस शर्त पर देय होगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा इस मद में वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य है।
उपर्युक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जब कि श्री राहुल देव इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य सेवायोजन व्यापार, वृत्ति, व्यवसाय में लगे है।
प्रकरण में अपर उप जिलाधिकारी सदर, देहरादून को जांच अधिकारी, नामित करते हुए किया जाता है कि अपचारी कर्मचारी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही 15 दिवस के भीतर जॉच आख्या अधोहस्ताक्षरी के समक्ष प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।
ह०/-(सविन बंसल) जिलाधिकारी, देहरादून
।। कार्यालय जिलाधिकारी देहरादून ।