रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं वैद्य : प्रो. रणवीर सिंह

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
विचार के साथ ठोस कार्ययोजना जुड़ी हो तभी सफलता संभव है : कुलपति।
श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में ‘आइडियाथॉन-101’ कार्यक्रम आयोजित।
कुरुक्षेत्र, 4 सितंबर : श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में बुधवार को ‘आइडियाथॉन-101’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों के लिए वर्कशॉप का आयोजन हुआ, जिसमें बतौर मुख्य वक्ता शहीद उधम सिंह महाविद्यालय मटक माजरी (करनाल) के प्रोफेसर और स्वदेशी जागरण मंच के विचार विभाग प्रमुख डॉ. रणवीर सिंह एवं स्वावलंबी भारत से जुड़े तारा चंद ने शिरकत की। इस अवसर पर कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान, कुलसचिव प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह तोमर, आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के प्राचार्य प्रो. आशीष मेहता ने वक्ताओं का स्वागत किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रो. रणवीर सिंह ने कहा कि आयुर्वेद भारत की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है। एक वैद्य न केवल समाज की सेवा कर सकता है, बल्कि रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप शुरू करने में असफलता से डरना नहीं चाहिए, बल्कि छोटे स्तर से शुरुआत कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। दूसरे वक्ता तारा चंद ने विद्यार्थियों को स्टार्टअप के लिए आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी दी और स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया।
विद्यार्थी रोजगार पाने वाले नहीं,बल्कि देने वाले बनेंगे : प्रो. धीमान।
आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने कहा कि कहा कि “आइडियाथॉन- 101 जैसे आयोजन विद्यार्थियों को नए विचारों और नवाचार की दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करते हैं,लेकिन सिर्फ एक आइडिया होना पर्याप्त नहीं है। असली चुनौती यह है कि हम अपने आइडिया को लागू कैसे करेंगे, हमारी तैयारी कैसी होगी और पूरी प्लानिंग किस तरह से बनेगी। यदि विचार के साथ ठोस कार्ययोजना जुड़ी हो, तभी सफलता संभव है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों के अंदर रचनात्मकता, उद्यमिता और आत्मनिर्भरता की भावना को बढ़ावा देते हैं। कुलपति ने विश्वास जताया कि श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के छात्र भविष्य में न केवल रोजगार पाने वाले, बल्कि रोजगार देने वाले बनेंगे।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद।
इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक प्रो. अनामिका, प्रो. रविराज, प्रो. रविंद्र अरोड़ा, प्रो. कृष्ण कुमार, प्रो. नीलम कुमारी, प्रो. विदुषी त्यागी, डॉ. ममता खत्री, डॉ. सुनील, डॉ. जोरावर सिंह और डॉ. पुनीता शर्मा सहित अन्य फैकल्टी सदस्य मौजूद रहे।