समाज में फैली असमानताओं को जागरूकता द्वारा कम किया जा सकता है : प्रो. सुशीला चौहान

केयू विधि संस्थान में बाल अपराध को लेकर भाषण प्रतियोगिता आयोजित।
कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक 18 सितंबर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि संस्थान में गुरुवार को कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से “किशोर न्याय अधिनियम 2015 पर आधारितः सामाजिक व आर्थिक कारकों से होने वाले बाल अपराध” विषय पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस अवसर पर संस्थान की निदेशिका प्रो. सुशीला चौहान ने कहा कि समाज में फैली असमानताओं को जागरूकता के माध्यम से कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39-ए प्रत्येक नागरिक को मुफ्त कानूनी सेवा का अधिकार देता है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे समाज में फैली कानूनी असमानताओं को कम करने के लिए आगे आएं।
कार्यक्रम संयोजक व लीगल एड समन्वयक डॉ. संत लाल निर्वाण ने भाषण प्रतियोगिता की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि मुफ्त कानूनी सेवा पाने का अधिकार उन नागरिकों को है जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है, साथ ही महिलाओं, अनुसूचित जाति वर्ग, और आपदाओं से प्रभावित लोगों को भी यह सुविधा उपलब्ध है।
निर्णायक मंडल में उपनिदेशक डॉ. रमेश सिरोही और डॉ. मनजिंदर गुलियानी ने मौजूद रहे। प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों ने बाल अपराध रोकने के उपायों, बच्चों को नैतिक एवं शारीरिक शिक्षा देना, उन्हें खेलकूद, नाटक और वाद-विवाद जैसी गतिविधियों में शामिल करना, बच्चों के मानसिक विकास पर विशेष ध्यान देना, माता-पिता व शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ाना और बच्चों के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करना प्रमुख रहा।
कार्यक्रम के समापन पर निर्देशिका प्रो. सुशीला देवी चौहान ने प्रतियोगिता के प्रथम पुरस्कार विजेता रजत कुमार, द्वितीय अंशप्रीत तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने के लिए मुस्कान को पुरस्कृत किया एवं बधाई दी। इस अवसर पर लीगल एड कमेटी की सदस्य डॉ. मोनिका, डॉ. कर्मदीप, संकाय सदस्यगण तथा आयोजन समिति के सदस्य तुशाल, आशुतोष, सिया ढींगरा सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।