आयुष विश्वविद्यालय में सीएमई: रिसर्च फंडिंग और ईएनटी उपचार पर विशेषज्ञों के व्याख्यान

कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक 19 सितंबर : श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के शालाक्य तंत्र विभाग द्वारा आयोजित सीएमई कार्यक्रम के पांचवें दिन शुक्रवार को आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने आंख की संरचना (पटल), केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएस), नई दिल्ली की रिसर्च ऑफिसर डॉ. बबीता यादव ने रिसर्च डिजाइनिंग और हिमाचल के वैद्य जे.एस. भंडारी ने कान, नाक और गले के रोगों की पहचान और चिकित्सा पर व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम के पहले सत्र में कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने शालाक्य तंत्र में आंखों की संरचना और उनके महत्व को समझाते हुए छात्रों को बारीकियों से अवगत कराया।
दूसरे सत्र में केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएस), नई दिल्ली की रिसर्च ऑफिसर डॉ. बबीता यादव ने शालाक्य तंत्र के क्षेत्र में रिसर्च डिजाइनिंग पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि किसी लिखित विचार (रिटन कॉन्सेप्ट) को एक व्यवस्थित प्रक्रिया के माध्यम से कैसे रिसर्च प्रपोज़ल और फिर रिसर्च प्रोजेक्ट में बदला जा सकता है।
डॉ. यादव ने रिसर्च स्कॉलर्स और छात्रों के लिए उपलब्ध फंडिंग स्कीम की जानकारी भी दी। इसमें बीएएमएस स्टूडेंट्स के लिए SPARK, पीजी स्टूडेंट्स के लिए PG-STAR और क्लिनिकल प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों व शोधार्थियों के लिए AGNI शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सही तरीके से तैयार रिसर्च प्रपोज़ल से शोधार्थियों को न केवल आर्थिक सहयोग मिलेगा, बल्कि शोध की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
तीसरे सत्र में हिमाचल प्रदेश से आए वैद्य जे.एस. भंडारी ने कान, नाक और गले (ईएनटी) रोगों की पहचान और चिकित्सा पर व्याख्यान दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को समझाया कि किस प्रकार इंडोस्कोप से ईएनटी रोगों की जांच की जा सकती है। साथ ही, उन्होंने इन रोगों के उपचार की विस्तृत जानकारी भी दी। इस अवसर पर आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के प्राचार्य प्रो. आशीष कुमार मेहता, शालाक्य तंत्र विभाग की चेयरपर्सन प्रो. आशु, प्रो. मनोज कुमार तंवर, प्रो. रविराज और डॉ. सुधीर मलिक समेत प्रतिभागी मौजूद रहे।