विश्व की सबसे बड़ी सांझी का सुमन सैनी ने किया उद्घाटन

विश्व की सबसे बड़ी सांझी का सुमन सैनी ने किया उद्घाटन
सांझी प्रतियोगिता में मुस्कान ने जीता 51 हजार रूपये का पहला पुरस्कार।

कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक : विरासत दि हेरिटेज विलेज जी.टी. रोड मसाना में विरासत हेरिटेज व एसोसिएशन ऑफ हरियाणवीज इन ऑस्टे्रेलिया तथा कला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राज्य स्तरीय सांझी उत्सव-2025 के पुरस्कार वितरण के अवसर पर मुख्यातिथि ने सांझी प्रतियोगिता के प्रथम पुरस्कार हासिल करने वाली अजरानी कलां कुरुक्षेत्र की मुस्कान को 51 हजार रूपये का पहला पुरस्कार दिया।

दूसरे स्थान पर कृष्णा कॉलोनी हांसी की प्रतिभागिता मिनाक्षी को 31 हजार रूपये का पुरस्कार मिला, जबकि बिहोली पानीपत की नीतू को 21 हजार रूपये का तीसरा पुरस्कार हासिल हुआ। इस अवसर पर मुख्यातिथि हरियाणा राज्य बाल विकास परिषद की उपाध्यक्ष मैडम सुमन सैनी ने कहा कि सांझी कला को बचाने के लिए विरासत ने जो प्रयास किया है आने वाले दिनों में इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे। हरियाणा की लोककला सांझी को बचाने के लिए आवश्यकता है महिलाओं की कला को संरक्षण देने की ताकि आधुनिकता के इस दौर में लोककला को संरक्षित किया जा सके। इस अवसर पर विरासत के निदेशक अभिनव पूनिया ने बताया कि सांझी कला प्रतियोगिताम में 11 हजार रूपये के 2 पुरस्कार सुखविन्द्र कौर और निशा को वितरित किए गए जबकि 51 सौ के 3 पुरस्कार माया देवी, राधा एवं सुषमा जोशी को प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि 31 सौ के 5 पुरस्कार अन्नू, राजमीत कौर, किरन, नंदनी एवं सुनीता देवी को मिले। 21 सौ के 5 पुरस्कार अनीता, प्रीति, शांति, रिया एवं रीमा को मिले। अभिनव ने बताया कि 11 सौ के पांच पुरस्कार रमा, मिनाक्षी, निर्मला राठी, निशा, निवेदिता को प्राप्त हुए। इस अवसर पर मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए डॉ. महासिंह पूनिया ने कहा कि महिलाओं का लोककला के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है।

महिलाओं ने सांझी कला को बचाने के लिए जो योगदान दिया है उसको आने वाली पीढिय़ां याद रखेंगी। इस मौके पर भगत फुल सिंह महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुदेश छिक्कारा ने कहा कि विरासत द्वारा आयोजित यह पांचवां सांझी उत्सव हरियाणा की लोककला को बचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। इसके लिए सामाजिक संस्थाओं एवं सरकार को भी आगे आना चाहिए। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि एवं एसोसिएशन ऑफ हरियाणवीज इन ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधि डॉ. दिनेश चहल ने कहा कि एएचए विदेश मेें रहकर हरियाणवी संस्कृति को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सांझी के इस आयोजन में एएचए की पूरी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सामाजिक संस्थाओं को हरियाणा की लोककला को बचाने के लिए आगे आना चाहिए। इस अवसर पर विरासत की ओर से मुख्यातिथि श्रीमती सुमन सैनी, विशिष्ट अतिथि प्रो. सुदेश छिक्कारा तथा प्रो. दिनेश चहल को सांझी के स्मृति चिह्न एवं फुलझड़ी भेंट कर सम्मानित किया गया। निर्णायक मंडल के सदस्यों में डॉ. रणबीर सिंह फोगाट, प्रो. रामविरंजन तथा डॉ. तपेश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर प्रो. राजबीर सिंह, श्रीमती कल्पना पूनिया, डॉ. विवेक चावला, डॉ. परमेश, डॉ. जितेन्द्र, सौरभ चौधरी, डॉ. रामनिवास, डॉ. संतोष, डॉ. जगमेन्द्र मलिक, अभिनव पूनिया, मुख्यमंत्री के मीडिया ओएसडी तुषार सैनी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
विश्व की सबसे बड़ी सांझी का उद्घाटन।
विरासत एएचए सांझी उत्सव के अवसर पर विश्व की सबसे बड़ी सांझी का उद्घाटन मुख्यातिथि श्रीमती सुमन सैनी ने विरासत में किया। विश्व की सबसे बड़ी यह सांझी 30 फुट ऊंची तथा 20 फुट चौड़ी है। अभी तक पूरे विश्व में कहीं पर भी इससे बड़ी सांझी नहीं बनाई गई है। यह सांझी एनआईटी के कलाकार पवन तथा उसकी पूरी टीम के साथियों ने बना कर विरासत को समर्पित की है। जीटी रोड से जाते हुए यह सांझी सभी के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है।
सांझी को समर्पित रहा हरियाणा के लोकरंग सांस्कृतिक संध्या
सांझी के इस मेले में धूम मची हरियाणा की लोकरंग का सांस्कृतिक कार्यक्रम सांझी माता को समर्पित रहा। लोकरंग हरियाणा के इस कार्यक्रम में हरविन्द्र राणा, प्रकाश मलिक, मिनाक्षी की टीम के 35 से अधिक कलाकारों ने हरियाणा की संस्कृति की अनूठी झलक प्रस्तुत की, जिसमें भगवान शिव की अराधना से लेकर सांझी माता तक की पूरी सांस्कृतिक यात्रा को हरियाणा के विविध लोकनृत्यों के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर हरियाणा की सांस्कृतिक झलक को देखकर मुख्यातिथि श्रीमती सुमन सैनी रंगांरग प्रस्तुति को देखकर अभिभूत हो उठी। इस अवसर पर 8 साल की छोटी लडक़ी लावण्या ने हरियाणवी नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।
हरियाणा सांस्कृतिक प्रदर्शनी को अभिभूत हो उठी श्रीमती सुमन सैनी
विरासत एएचए सांझी उत्सव के अवसर पर पुरातन विषय-वस्तुओं की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में पुराने बर्तनों के साथ-साथ खेतीबाड़ी की विषय-वस्तुओं की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। मुख्यातिथि श्रीमती सुमन सैनी ने प्रदर्शनी के अवलोकन के पश्चात कहा कि उन्होंने पहली बार ऐसी विषय-वस्तुओं को देखा है जो आज तक जीवन में उन्होंने देखी नहीं। इस मौके पर उन्होंने सौ साल पुराने बंटे को सिर पर रखकर संस्कृति के प्रति अपने समर्पण को अभिव्यक्त किया।