ब्लू इकोनॉमी और इंडो-पैसिफिक शोध में कुवि अग्रणी, प्रो. वी.एन.अत्री को मिले कई वैश्विक आमंत्रण

कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 05 दिसम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंडो-पैसिफिक अध्ययन केन्द्र के निदेशक प्रो. वी. एन. अत्री को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा एसिईएएन आउटलुक ऑन द इंडो-पैसिफिक सेमिनार श्रृंखला में वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह सेमिनार समुद्री सहयोग समुद्री संरक्षण और संरक्षण विषय पर 8 दिसंबर 2025 को आयोजित होगा। यह आमंत्रण कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण सम्मान है। प्रो. वी.एन.अत्री ने बताया कि यह सेमिनार सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहा है, जिसमें एसिईएएन सचिवालय और ऑस्ट्रेलिया फॉर एसिईएएन फ्यूचर्स पहल का सहयोग है।
इस अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने प्रो. वी.एन.अत्री को बधाई देते हुए कहा कि प्रो. अत्री के इन अंतरराष्ट्रीय आमंत्रणों ने न केवल कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की वैश्विक पहचान को मजबूती दी है, बल्कि इंडो-पैसिफिक और ब्लू इकोनॉमी क्षेत्र में विश्वविद्यालय की अग्रणी भूमिका को भी सशक्त किया है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का इंडो- पैसिफिक स्टडीज़ सेंटर क्षेत्रीय सुरक्षा, समुद्री मामलों, पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक सहयोग जैसे विषयों पर अंतरविषयक शोध और नीति- आधारित कार्य को बढ़ावा देता है।
लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि प्रो. वी.एन. अत्री सेशन-2ः ब्लू इकोनॉमी में अवसर में पैनलिस्ट के रूप में भाग लेंगे। वे एसिईएएन और ब्लू इकोनॉमी एक सिस्टमिक मॉडल विकसित करने की राहें” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे, जो ब्लू इकोनॉमी को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका को रेखांकित करेगा। प्रो. अत्री को “इंडो ओशन रीजन में ब्लू इकोनॉमी के निर्माता” के रूप में जाना जाता है। उन्हें मार्च 4-5 मार्च, 2026 में मॉन्ट्रियल, कनाडा में आयोजित होने वाले 13वें इकॉनमिस्ट इम्पैक्ट वर्ल्ड ओशन समिट में भी आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंडो-पैसिफिक अध्ययन केंद्र के लिए एक और उपलब्धि यह है कि ओशन पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ससाकावा पीस फ़ाउंडेशन, टोक्यो ने प्रो. अत्री को अंडमान और निकोबार द्वीपों में जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान और क्षति का आकलन करने वाली परियोजना के लिए चयनित किया है। इसके अतिरिक्त, प्रो. अत्री को नॉर्थ ईस्ट इंडियन ओशन डायलॉग में भाग लेने का निमंत्रण भी प्राप्त हुआ है, जिसका आयोजन ओशन पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट(ओपीआरआई) द्वारा बांग्लादेश सरकार के सहयोग से 13-14 जनवरी, 2026 को किया जाएगा।




